data
dict |
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{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246300,
"input": "उस की आहट सुनते ही मंत्रि-पुत्र पलंग से कूदा और दूसरे दरवाजे से निकल गया क्योंकि वह अपनी दुर्दशा छुपाना चाहता था। बादशाह ने कमरे में जा कर बेटी से मुस्कुरा कर पूछा, रात आराम से तो बीती? उस ने आगे बढ़ कर प्यार से उस का माथा चूमा तो उसे दिखाई दिया कि शहजादी को असीम दुख महसूस हो रहा है। बादशाह को आश्चर्य हुआ और वह यह न समझ सका कि शहजादी लज्जावश कुछ नहीं कह रही या रात उसे बहुत कमजोरी आ गई है या उसे वास्तव में कोई दुख है जिसके कारण वह चुप्पी साधे है। वह वहाँ से अपनी बेगम के पास गया और उसे शहजादी की विचित्र दशा बताई और कहा कि कुछ समझ में नहीं आता। बेगम ने कहा, सरकार, कुछ चिंता न करें। कई लड़कियाँ ऐसी होती हैं कि प्रथम संसर्ग में उन्हें बड़ा कष्ट होता है और किसी-किसी लड़की की तो दो-तीन दिन तक खराब हालत रहती है। मैं स्वयं जा कर उस से उस का हाल पूछूँगी और आप से आ कर बताऊँगी।",
"output": "us kii aahat sunate hi mantri-putr palang se kuuda or duusare daravaaje se nikal gaya kyonki vah apni durdasha chupaana chahta tha. badshaah ne kamare main ja kar beti se muskura kar poocha, raat aaraam se to beeti? us ne aage bad kar pyaar se us kaa maathaa choomaa to use dikhaai diya ki shahzadi ko aseem dukh mahasoos ho rahaa he. badshaah ko aashcharya hua or vah yah na samaj sakaa ki shahzadi lajjawash kuch nahin kah rahi yaa raat use bahut kamajori aa gai he yaa use vastav main koi dukh he jiske kaaran vah chuppi saadhe he. vah vahaan se apni begum ke paas gaya or use shahzadi kii vicitra dasha bataai or kaha ki kuch samaj main nahin aata. begum ne kaha, sarkaar, kuch chintaa na karen. kai ladkiyaan aisi hoti hai ki pratham sansarg main unhen bada ksht hota he or kisi-kisi ladki kii to do-teen din tak kharaab haalat rahati he. main swayan ja kar us se us kaa haal poochhuungi or aap se aa kar bataauungi."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246301,
"input": "इस के बाद मलिका शहजादी के महल में गई और उसे गले लगा कर उस का हाल पूछा। शहजादी इस पर भी चुप रही और उस के चेहरे की उदासी जरा भी कम नहीं हुई। मलिका ने बड़े प्यार से आग्रहपूर्वक कई बार पूछा तो वह ठंडी साँस ले कर बोली, माता जी, मैं जो कुछ कहूँगी उस में आप को अगर धृष्टता लगे तो पहले ही से उस की क्षमा माँग लेती हूँ। वास्तविकता यह है कि रात को ऐसी विचित्र घटनाएँ हुईं जिन पर किसी को विश्वास नहीं होगा। किंतु उन घटनाओं ने मेरे होश-हवास गायब कर दिए और उन बातों को याद करके अब तक मेरा हृदय काँप रहा है। रात को जब मेरी दासियाँ मुझे इस कमरे में बंद करके चली गईं और मैं पलंग पर बैठी उसी समय किसी ने हम दोनों को मय पलंग किसी मामूली-से कमरे में पहुँचा दिया। वहाँ मंत्रि-पुत्र को वह गुप्त व्यक्ति कहीं ले गया और रात भर कहीं और रखा। इधर एक जवान आदमी ने मुझे बहुत दिलासा दिया और उसी पलंग पर मेरी ओर पीठ करके सो गया और मेरे और अपने बीच में नंगी तलवार रख ली। सुबह मंत्रि-पुत्र को एक भयानक जिन्न ने मेरे साथ लिटाया और हम दोनों को मय पलंग के यहाँ वापस पहुँचा दिया। सुबह जब पिता जी मेरे कमरे में आए तो मैं भय और शोक में इतनी डूबी थी कि उस ने कुछ भी बात न कर सकी। मेरा दुख उन्हें मालूम होगा तो वे मुझे अवश्य क्षमा करेंगे।",
"output": "is ke baad malikaa shahzadi ke mahal main gai or use gale laga kar us kaa haal poocha. shahzadi is par bhi chup rahi or us ke chehre kii udaasi jaraa bhi kam nahin hui. malikaa ne bade pyaar se aagrahpurvak kai baar poocha to vah thandi saans le kar boli, mata ji, main jo kuch kahoongi us main aap ko agar dhristataa lage to pehle hi se us kii kshamaa maang leti hoon. vaastaviktaa yah he ki raat ko aisi vicitra ghatnaayen huin jin par kisi ko vishwaas nahin hoga. kintu un ghatnaon ne mere hosh-havaas gaayab kar die or un baton ko yaad karke ab tak meraa hriday kaanp rahaa he. raat ko jab meri dasiyaan mujhe is kamare main band karke chali gayi or main palang par baithi usee samay kisi ne ham donon ko may palang kisi maamuli-se kamare main pahunchaa diya. vahaan mantri-putr ko vah gupt vyakti kahin le gaya or raat bhar kahin or rakhaa. idhar ek jawan aadmi ne mujhe bahut dilasa diya or usee palang par meri ore peeth karke so gaya or mere or apane bich main nangi talwaar rakh lee. subah mantri-putr ko ek bhayanak jinn ne mere saath litayaa or ham donon ko may palang ke yahan waapas pahunchaa diya. subah jab pita ji mere kamare main aae to main bhay or shok main itani dubi thi ki us ne kuch bhi baat na kar saki. meraa dukh unhen maaloom hoga to ve mujhe avashya kshamaa karenge."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246302,
"input": "बदर बदौर ने जब बीती रात की पूरी घटना सुनाई तो उस की माँ को उस पर बिल्कुल विश्वास नहीं हुआ। उस ने कहा, तुम ने मुझ से कहा सो ठीक किया लेकिन किसी और से यह पागलपन की बातें न करना। इस से क्या फायदा कि लोग तुम्हें पागल समझें।",
"output": "badar badaur ne jab beeti raat kii puri ghatana sunai to us kii maan ko us par bilkul vishwaas nahin hua. us ne kaha, tum ne mujh se kaha so thik kiya lekin kisi or se yah paagalpan kii baaten na karnaa. is se kya phayda ki log tumhen pagal samajhen."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246303,
"input": "शहजादी बोली, मैं पागल नहीं हूँ, अपने पूरे होश-हवास में हूँ। तुम्हें मेरी बात का विश्वास नहीं तो मैं क्या करूँ। तुम चाहो तो मेरे पति मंत्रि-पुत्र से पूछ लो। वह भी यही कहेगा जो मैं कह रही हूँ। मलिका ने कहा, अच्छी बात है। मैं तुम्हारे पति से पूछूँगी। अगर उस ने तुम्हारी बात का समर्थन किया तो तुम्हारी बात सच समझूँगी। इस समय तुम इन बातों को भूल जाओ। देखो, नगर में चारों तरफ से गायन-वादन की आवाजें आ रहीं है जो तुम्हारे विवाह के उपलक्ष्य में हो रही हैं। तुम क्यों इस राग-रंग को अपनी बेकार बातों से भंग करना चाहती हो? इस पर शहजादी चुप हो गई।",
"output": "shahzadi boli, main pagal nahin hoon, apane puure hosh-havaas main hoon. tumhen meri baat kaa vishwaas nahin to main kya karuun. tum chaaho to mere pati mantri-putr se puch lo. vah bhi yahi kahegaa jo main kah rahi hoon. malikaa ne kaha, acchhee baat he. main tumhaare pati se poochhuungi. agar us ne tumhaari baat kaa samarthan kiya to tumhaari baat sach samajhungi. is samay tum in baton ko bhul jaao. dekho, nagar main chaaron taraf se gayan-vaadan kii awaajen aa raheen he jo tumhaare vivaah ke uplakshya main ho rahi hai. tum kyon is raag-rang ko apni bekaar baton se bhang karnaa chaahati ho? is par shahzadi chup ho gai."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246304,
"input": "मलिका ने बादशाह को जा कर वह सब बताया जो बदर बदौर ने कहा था। उस ने यह भी कहा, मुझे तो यह दुःस्वप्न मात्र मालूम होता है। फिर भी अच्छा है कि जैसा वह कहती है उस के पति से भी पूछ लिया जाए। बादशाह ने मंत्री-पुत्र को बुला कर पूछा, क्या तुमने भी रात को वही देखा है जो शहजादी ने देखा है? उसने कहा, मुझे नहीं मालूम उस ने क्या देखा है। असलियत यह थी कि रात के घोर कष्ट के बाद भी वह सोचता था कि अब वह कष्ट फिर न होगा और शादी वह तोड़ना नहीं चाहता था क्योंकि इस से उसे तत्कालीन प्रतिष्ठा और भविष्य में बड़ा राज्य मिलता। जब उसे बताया गया कि बदर बदौर क्या कहती है तो उस ने कहा, शहजादी को भ्रम हुआ होगा। ऐसी कोई बात नहीं हुई। कल सुबह तक वह ठीक हो जाएँगी।",
"output": "malikaa ne badshaah ko ja kar vah sab bataaya jo badar badaur ne kaha tha. us ne yah bhi kaha, mujhe to yah duswapn maatr maaloom hota he. phir bhi acha he ki jaisaa vah kahati he us ke pati se bhi puch liya jaae. badshaah ne mantri-putr ko bula kar poocha, kya tumne bhi raat ko vahi dekha he jo shahzadi ne dekha he? usne kaha, mujhe nahin maaloom us ne kya dekha he. asaliyat yah thi ki raat ke ghor ksht ke baad bhi vah sochataa tha ki ab vah ksht phir na hoga or shaadi vah todna nahin chahta tha kyonki is se use tatkaaleen pratishtha or bhavishya main bada rajya miltaa. jab use bataaya gaya ki badar badaur kya kahati he to us ne kaha, shahzadi ko bhram hua hoga. aisi koi baat nahin hui. kal subah tak vah thik ho jaayengi."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246305,
"input": "उधर अलादीन ने फिर दीया रगड़ कर जिन्न को बुलाया और उस से महल का हाल पूछा। उस ने बताया कि मंत्रि-पुत्र कल रात की बातें मानने से इनकार करता है। अलादीन ने कहा, आज भी वे दोनों पलंग पर लेटें तो उस के भोग-विलास से पहले यहाँ पर कल की तरह ले आना। जिन्न ने ऐसा ही किया और बदर बदौर तथा मंत्रि-पुत्र के पलंग पर लेटते ही वह पलंग को उन दोनों के साथ अलादीन के घर उठा लाया। अलादीन ने गत रात की तरह मंत्रि-पुत्र को शौचालय में बंद करवा दिया और खुद नंगी तलवार बीच में रख कर शहजादी के पलंग पर उस की ओर पीठ करके सो गया। शहजादी उस रात को भी रात भर यह विचित्र बातें देख कर काँपती रही और मंत्रि-पुत्र तंग और बदबूदार पाखाने में रात भर सरदी और मल की दुर्गंध से कष्ट उठाता रहा। सुबह फिर जिन्न ने उसे शहजादी के पलंग पर मंत्रि-पुत्र को लिटा दिया और दोनों को मय पलंग राजमहल में वापस पहुँचा दिया।",
"output": "udhar alladin ne phir diya ragad kar jinn ko bulaayaa or us se mahal kaa haal poocha. us ne bataaya ki mantri-putr kal raat kii baaten maanane se inkaar karata he. alladin ne kaha, aaj bhi ve donon palang par leten to us ke bhoga-vilaas se pehle yahan par kal kii tarah le aana. jinn ne aisa hi kiya or badar badaur tathaa mantri-putr ke palang par letate hi vah palang ko un donon ke saath alladin ke ghar uthaa laayaa. alladin ne gat raat kii tarah mantri-putr ko shauchalay main band karvaa diya or khud nangi talwaar bich main rakh kar shahzadi ke palang par us kii ore peeth karke so gaya. shahzadi us raat ko bhi raat bhar yah vicitra baaten dekh kar kaanpati rahi or mantri-putr tang or badboodaar paakhaane main raat bhar sardi or mel kii durgandh se ksht uthaata rahaa. subah phir jinn ne use shahzadi ke palang par mantri-putr ko lita diya or donon ko may palang rajmahal main waapas pahunchaa diya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246306,
"input": "दूसरी सुबह को बादशाह फिर शहजादी के पास पहुँचा और उसे पिछले दिन से भी अधिक चिंतित और दुखी पाया। बादशाह को पूरे दिन खटका तो लगा ही रहा था, वह व्यग्र हो कर बोला, बेटी, तुम बताओ तो आखिर क्या बात है। शहजादी चुप ही रही। बादशाह के बहुत पूछने पर भी वह कुछ न बोली तो बादशाह का धैर्य छूट गया। उस ने म्यान से तलवार खींच ली और गरज कर बोला, तू सच्ची बात बता वरना मैं अभी तेरे टुकड़े-टुकड़े किए डालता हूँ। बदर बदौर घबरा कर रोने लगी और बोली, पिताजी, मुझ से कोई अपराध हुआ हो तो क्षमा कर दें। आप जोर देते हैं तो मैं पिछली दो रातों का हाल आप को बताए देती हूँ परंतु आप को इस पर विश्वास नहीं होगा। इसीलिए मैं अब तक चुप थी। यह कह कर बादशाह को अपने मुँह से सारा हाल बताया। फिर कहने लगी, आप को विश्वास न हो रहा हो तो मंत्रि-पुत्र से पूछ लीजिए। बादशाह ने कहा, बेटी, मैं तुम्हें किसी तरह दुख नहीं देना चाहता। मैं ने तुम्हारा विवाह तुम्हारी प्रसन्नता के लिए किया था, दुखी करने के लिए नहीं। खैर, अब तुम चिंता छोड़ो। अब तुम्हें ऐसा अनुभव नहीं होगा।",
"output": "duusari subah ko badshaah phir shahzadi ke paas pahunchaa or use pichley din se bhi adhik chintit or dukhi paaya. badshaah ko puure din khatka to laga hi rahaa tha, vah vyagr ho kar bolaa, beti, tum bataao to aakhir kya baat he. shahzadi chup hi rahi. badshaah ke bahut poochne par bhi vah kuch na boli to badshaah kaa dhairya chhot gaya. us ne myaan se talwaar khinch lee or garaj kar bolaa, tu sachhee baat bataa varanaa main abhi tere tukade-tukade kiye daalata hoon. badar badaur ghabara kar rone lagi or boli, pitaaji, mujh se koi aparaadh hua ho to kshamaa kar den. aap jor dete hai to main pichhali do raaton kaa haal aap ko bataae detii hoon parantu aap ko is par vishwaas nahin hoga. isiilie main ab tak chup thi. yah kah kar badshaah ko apane munh se sara haal bataaya. phir kehane lagi, aap ko vishwaas na ho rahaa ho to mantri-putr se puch lijie. badshaah ne kaha, beti, main tumhen kisi tarah dukh nahin dena chahta. main ne tumhaara vivaah tumhaari prasannataa ke liye kiya tha, dukhi karne ke liye nahin. khayr, ab tum chintaa chodo. ab tumhen aisa anubhav nahin hoga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246307,
"input": "इस के बाद बादशाह अपने महल में आया और उस ने वहाँ मंत्री को बुलाया। उस ने मंत्री से पूछा, क्या तुमने अपने बेटे से बात की और उस का हाल पूछा? उस ने कहा मैं ने नहीं पूछा। बादशाह ने बदर बदौर का बताया हुआ पूरा किस्सा उसे सुनाया और कहा, यद्यपि मैं अपनी पुत्री की बात विश्वास करता हूँ फिर भी तुम्हारे बेटे द्वारा इसकी पुष्टि चाहता हूँ। तुम जा कर अपने बेटे से यह बात पूछो। मंत्री अपने घर गया और अपने बेटे को बुला कर कहने लगा, शहजादी ने बादशाह से यह बातें कही हैं, तुम इस बारे में क्या कहते हो?",
"output": "is ke baad badshaah apane mahal main aayaa or us ne vahaan mantri ko bulaayaa. us ne mantri se poocha, kya tumne apane bete se baat kii or us kaa haal poocha? us ne kaha main ne nahin poocha. badshaah ne badar badaur kaa bataaya hua puraa kissa use sunaaya or kaha, yadhyapi main apni putree kii baat vishwaas karata hoon phir bhi tumhaare bete dwaara isaki pushti chahta hoon. tum ja kar apane bete se yah baat pucho. mantri apane ghar gaya or apane bete ko bula kar kehane laga, shahzadi ne badshaah se yah baaten kahi hai, tum is bare main kya kehete ho?"
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246308,
"input": "मंत्रि-पुत्र पिछले दिन विवाह टूटने के भय से झूठ बोल गया था किंतु दूसरे दिन भी वही अनुभव हुआ तो उस की हिम्मत टूट गई। उस ने कहा, कल मैं ने इस बात से इनकार कर दिया था लेकिन वास्तविकता यह है कि शहजादी ठीक कहती है। दो रातों से एक महाभयानक जीव हम दोनों को पलंग समेत उठा कर कहीं पहुँचा देता है। फिर मेरे कपड़े सिवा पाजामे के, उतार कर मुझे एक तंग शौचालय में बंद कर देता है जहाँ भरे हुए मल की बदबू से रात भर मेरा दिमाग फटता रहता है और मैं सरदी से ठिठुरता रहता हूँ और हाथ-पाँव भी नहीं हिला पाता। मुझे पता नहीं कि रात भर मेरी पत्नी के साथ क्या होता है। सुबह वही जीव मुझे निकाल कर कपड़े पहनाता है और पलंग पर लिटा कर हम दोनों को पलंग समेत महल में वापस ले आता है। मैं ऐसी शादी से बाज आया। दो-तीन दिन और यही हाल रहा तो मर ही जाऊँगा।",
"output": "mantri-putr pichley din vivaah tuutane ke bhay se jhooth bol gaya tha kintu duusare din bhi vahi anubhav hua to us kii himmat tut gai. us ne kaha, kal main ne is baat se inkaar kar diya tha lekin vaastaviktaa yah he ki shahzadi thik kahati he. do raaton se ek mahabhayanak jeev ham donon ko palang samet uthaa kar kahin pahunchaa detaa he. phir mere kapade sivaa pajame ke, utaar kar mujhe ek tang shauchalay main band kar detaa he jahaan bhare hue mel kii badboo se raat bhar meraa dimag fatataa rahata he or main sardi se thithurataa rahata hoon or haath-paanv bhi nahin hilaa paata. mujhe pataa nahin ki raat bhar meri patni ke saath kya hota he. subah vahi jeev mujhe nikaal kar kapade pahanaataa he or palang par lita kar ham donon ko palang samet mahal main waapas le aata he. main aisi shaadi se baj aayaa. do-teen din or yahi haal rahaa to mar hi jaaounga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246309,
"input": "मंत्री ने देखा कि दो दिन में उस का बेटा बदहवास ही नहीं, दुबला भी हो गया था। वह भी इस नतीजे पर पहुँचा कि इसे शहजादी से अलग रखना चाहिए वरना वास्तव में चार-छह रोज में मर जाएगा। उस के बाद वह बादशाह के पास गया और बोला, सरकार, शहजादी बिल्कुल ठीक कहती है। मेरे बेटे ने कल शादी टूटने के डर से झूठ बोला था लेकिन आज उस ने सच्ची बात बताई है। उसे दो रातों से तंग गंदे पाखाने में बंद कर दिया जाता है। अब मेरा विचार है कि पति-पत्नी को साथ न सोने दिया जाए और राज्य में विवाह के सिलसिले में जो समारोह हो रहे हैं उन्हें बंद कर दिया जाए।",
"output": "mantri ne dekha ki do din main us kaa betaa badahavaas hi nahin, dublaa bhi ho gaya tha. vah bhi is nattejey par pahunchaa ki ise shahzadi se alag rakhana chahie varanaa vastav main chaar-chah roj main mar jayega. us ke baad vah badshaah ke paas gaya or bolaa, sarkaar, shahzadi bilkul thik kahati he. mere bete ne kal shaadi tuutane ke dar se jhooth bolaa tha lekin aaj us ne sachhee baat bataai he. use do raaton se tang gande paakhaane main band kar diya jaataa he. ab meraa vichaar he ki pati-patni ko saath na sone diya jaae or rajya main vivaah ke silsile main jo samaaroh ho rahe hai unhen band kar diya jaae."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246310,
"input": "बादशाह ने भी इस बात को पसंद किया और विवाह के समारोह रोक दिए गए। मंत्री के पुत्र को महल में आ कर पत्नी से मिलने से भी रोक दिया गया। नगरवासियों में जोरों से इस बात की चर्चा होने लगी। लोग तरह-तरह की अटकलें लगाते थे कि क्यों विवाह समारोह बंद कर दिए गए और क्यों मंत्री के पुत्र को राजमहल से निकाल दिया गया। कारण केवल दूल्हा-दुल्हन, उन के माता-पिता और अलादीन को ज्ञात था। अलादीन ने अब दीया रगड़ कर जिन्न को बुलाने की जरूरत न समझी और अपनी तीन महीने की मियाद बीतने की प्रतीक्षा करने लगा। उस ने ऐसा प्रकट किया जैसे बदर बदौर के मंत्रि- पुत्र से ब्याहे जाने के बारे में उसे कुछ पता ही न हो।",
"output": "badshaah ne bhi is baat ko pasand kiya or vivaah ke samaaroh roak die gaye. mantri ke putr ko mahal main aa kar patni se milane se bhi roak diya gaya. nagarvasiyon main joro se is baat kii charchaa hone lagi. log tarah-tarah kii atakalein lagaate the ki kyon vivaah samaaroh band kar die gaye or kyon mantri ke putr ko rajmahal se nikaal diya gaya. kaaran keval duulhaa-dulhan, un ke mata-pita or alladin ko gyaat tha. alladin ne ab diya ragad kar jinn ko bulaane kii jarurat na samajhi or apni teen maheene kii miyaad bitne kii pratiksha karne laga. us ne aisa prakat kiya jaise badar badaur ke mantri- putr se byaahe jane ke bare main use kuch pataa hi na ho."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246311,
"input": "तीन महीने की मियाद बीतने के बाद अलादीन ने फिर अपनी माँ को बादशाह के पास भेजा। बुढ़िया फिर दरबार के लायक कपड़े पहन कर दरबार में गई और बादशाह के सिंहासन के सामने खड़ी हो गई। बादशाह उसे देख कर समझ गया कि वह वादा याद दिलाने को आई है। मंत्री भी इस बात को ताड़ गया और उस ने कोशिश की कि बादशाह को किसी और बात में उलझाए रखे। बादशाह ने उसे रोक दिया और कहा, वह बुढ़िया जो सामने खड़ी है उसे हाजिर करो। मंत्री ने चोबदार द्वारा उसे बुलवा लिया। बुढ़िया ने पहले की तरह भूमि चूमी। बादशाह ने कहा, बोलो, क्या कहना चाहती हो? उस ने कहा, सरकार ने तीन महीने पहले मुझ से कहा था कि शहजादी का विवाह मेरे पुत्र अलादीन से तीन महीने बाद कर देंगे। आज मैं आप को आप का वही वचन याद दिलाने आई हूँ।",
"output": "teen maheene kii miyaad bitne ke baad alladin ne phir apni maan ko badshaah ke paas bheja. budhiya phir darbar ke laayak kapade pahan kar darbar main gai or badshaah ke singhaasana ke saamne khadi ho gai. badshaah use dekh kar samaj gaya ki vah vaada yaad dilaane ko ai he. mantri bhi is baat ko tad gaya or us ne koshish kii ki badshaah ko kisi or baat main uljhaae rakhe. badshaah ne use roak diya or kaha, vah budhiya jo saamne khadi he use hajir karo. mantri ne chobdar dwaara use bulavaa liya. budhiya ne pehle kii tarah bhoomi chumi. badshaah ne kaha, bolo, kya kahana chaahati ho? us ne kaha, sarkaar ne teen maheene pehle mujh se kaha tha ki shahzadi kaa vivaah mere putr alladin se teen maheene baad kar denge. aaj main aap ko aap kaa vahi vachan yaad dilaane ai hoon."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246312,
"input": "समझ तो बादशाह पहले भी गया था कि वृद्धा इसी बात को कहने के लिए आई है फिर भी चूँकि उसे अलादीन के बारे में कुछ पता नहीं था इसलिए विवाह की स्वीकृति देने में हिचकिचा रहा था। उसे परेशानी यह थी कि अमूल्य रत्नों के उपहार से प्रभावित हो कर उस ने शादी का वादा दिया था।",
"output": "samaj to badshaah pehle bhi gaya tha ki vriddha isi baat ko kehane ke liye ai he phir bhi chunki use alladin ke bare main kuch pataa nahin tha isliye vivaah kii sweekruti dene main hichkicha rahaa tha. use pareshaani yah thi ki amuly ratnon ke uphaar se prabhavit ho kar us ne shaadi kaa vaada diya tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246313,
"input": "अब उस से साफ मुकरने से उस की प्रतिष्ठा में जो बट्टा लगता वह भी उसे मंजूर नहीं था। उस ने अपनी कठिनाई मंत्री को चुपके से बताई। उस ने चुपके से कहा, कोई परेशानी नहीं है। आप अलादीन को कहला भेजें कि शहजादी का मेहर बहुत बड़ा होगा, तुम में वह देने की सामर्थ्य हो तो मैं विवाह को राजी हूँ वरना आगे से विवाह की बात भी मेरे आगे न चलाना, और मेहर आप इतना भारी माँगें कि वह दे ही न सके। बादशाह को यह सलाह पसंद आई। उस ने अलादीन की माँ से कहा, देवी जी, मैं ने तुम्हें जो वचन दिया है उस से मैं फिरता नहीं हूँ। मैं उसे जरूर पूरा करता लेकिन शहजादी ने एक बेढब शर्त रखी है। वह कहती है कि मैं उसी आदमी से शादी करूँगी जो मुझे काफी बड़ा मेहर दे। तुम अपने पुत्र से कहो कि शहजादी का विवाह उस से तभी होगा जब वह चालीस हब्शी गुलामों के सरों पर धरे हुए चालीस स्वर्ण पात्रों में उसी तरह के रत्न भर कर भेजे जैसे तुमने भेंट में दिए थे। हर एक हब्शी गुलाम के आगे एक सुंदर गोरे रंग का गुलाम भी होना चाहिए। सभी गुलामों की पोशाकें बहुमूल्य जरदोजी की होनी चाहिए। साथ ही जिन स्वर्ण पात्रों में रत्न भेजे जाएँ उन के ढकनों पर सुंदर चित्रकारी मीना के काम में होनी चाहिए। तुम यह शर्त अपने पुत्र को बताओ और पूछो कि क्या कहता है। वह जो कुछ उत्तर दे वह कल आ कर बताना। सीधे मेरे पास चली आना, मैं तुम्हारी प्रतीक्षा करूँगा।",
"output": "ab us se saaf mukarne se us kii pratishtha main jo batta lagata vah bhi use manjuur nahin tha. us ne apni kathinaayee mantri ko chupake se bataai. us ne chupake se kaha, koi pareshaani nahin he. aap alladin ko kahala bhejein ki shahzadi kaa meher bahut bada hoga, tum main vah dene kii samarthy ho to main vivaah ko raji hoon varanaa aage se vivaah kii baat bhi mere aage na chalaanaa, or meher aap itnaa baari maangen ki vah de hi na sake. badshaah ko yah salaah pasand ai. us ne alladin kii maan se kaha, devi ji, main ne tumhen jo vachan diya he us se main phirata nahin hoon. main use jarur puraa karata lekin shahzadi ne ek bedab shart rakhi he. vah kahati he ki main usee aadmi se shaadi karuungi jo mujhe kaaphi bada meher de. tum apane putr se kaho ki shahzadi kaa vivaah us se tabhi hoga jab vah chalis habshi gulaamon ke saron par dhare hue chalis swarna paatro main usee tarah ke ratna bhar kar bheje jaise tumne bhent main die the. har ek habshi gulam ke aage ek sundar gore rang kaa gulam bhi hona chahie. sabhi gulaamon kii poshaaken bahumoolya jardoji kii honi chahie. saath hi jin swarna paatro main ratna bheje jaaen un ke dhakanon par sundar chitrakaari minaa ke kaam main honi chahie. tum yah shart apane putr ko bataao or pucho ki kya kahata he. vah jo kuch uttar de vah kal aa kar bataanaa. sidhe mere paas chali aana, main tumhaari pratiksha karunga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246314,
"input": "अलादीन की माँ ने सिंहासन का पाया चूमा और घर वापस हुई। रास्ते भर वह अपने बेटे की मूर्खता पर झुँझलाती रही। वह सोचती रही कि वे रंगीन पत्थर तो अलादीन उस गुफा से लाया था जहाँ उसे जादूगर ने भेजा था। अब वैसे पत्थर और वे भी पचास स्वर्ण पात्रों में भरे हुए कहाँ मिलेंगे, वह गुफा तो बंद हो गई है। फिर कीमती पोशाकें पहने अस्सी गुलाम कहाँ से आएँगे। इस लड़के ने बेकार मुझे दौड़ा कर मेरे पाँव तोड़ दिए।",
"output": "alladin kii maan ne singhaasana kaa paaya choomaa or ghar waapas hui. raste bhar vah apane bete kii morrkhtaa par jhunjhalaati rahi. vah sochati rahi ki ve rangeen pathar to alladin us gupha se laayaa tha jahaan use jaadugar ne bheja tha. ab vaise pathar or ve bhi pachaas swarna paatro main bhare hue kahan milenge, vah gupha to band ho gai he. phir keemtee poshaaken pahane assi gulam kahan se aayenge. is ladke ne bekaar mujhe dauda kar mere paanv tod die."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246315,
"input": "घर आ कर उस ने अलादीन से कहा, बेटा, मैं तुम से कहती थी कि शहजादी को भूल जाओ। वही बात हुई। बादशाह शहजादी के लिए तैयार है और अपना वादा नहीं भूला है। लेकिन उस ने मेहर इतना बड़ा माँगा है जो तुम कयामत तक नहीं दे सकोगे। फिर उस ने सविस्तार बादशाह की माँग बताई। अलादीन बोला, अम्मा, तुम कुछ परवा न करो। वास्तव में शहजादी तो अद्वितीय है। उस के लिए इतना मेहर भी कम है। देखो मैं कोशिश करता हूँ कि इस मेहर का प्रबंध करूँ। यह कह कर वह इधर-उधर की बातें करने लगा।",
"output": "ghar aa kar us ne alladin se kaha, betaa, main tum se kahati thi ki shahzadi ko bhul jaao. vahi baat hui. badshaah shahzadi ke liye taiyaar he or apana vaada nahin bhuulaa he. lekin us ne meher itnaa bada maanga he jo tum qayaamat tak nahin de sakoge. phir us ne savistaar badshaah kii maang bataai. alladin bolaa, ammaa, tum kuch paravaa na karo. vastav main shahzadi to adwitiya he. us ke liye itnaa meher bhi kam he. dekho main koshish karata hoon ki is meher kaa prabandh karuun. yah kah kar vah idhar-udhar kii baaten karne laga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246316,
"input": "दूसरे दिन सवेरे उस ने माँ से कहा, अम्मा, बड़ी भूख लगी है। तुम बाजार से कुछ खाने को ले आओ, घर में बनाने में देर लगेगी। वह बेचारी बाजार चली गई। इधर अलादीन ने चिराग को रगड़ा। जिन्न प्रकट हुआ और कहने लगा, क्या आज्ञा है? अलादीन ने कहा, भाई, अब बादशाह मेरे साथ शहजादी का विवाह करने के लिए राजी हो गया है लेकिन उस ने मेहर बड़ा कीमती माँगा है। वह कहता है कि चालीस हब्शी गुलाम चालीस स्वर्ण पात्रों में, जिनके ढक्कनों पर मीनाकारी से सुंदर चित्र बने हों, उसी तरह के रत्न भर कर लाएँ जैसे मैं जादू के बाग से लाया था। हब्शी गुलामों के साथ चालीस गोरे रंग के सुंदर गुलाम भी हों और सभी गुलाम जरदोजी की पोशाक पहने हुए हों। अब तुम यह चीजें प्रस्तुत कर दो तो मैं अपनी माँ के साथ यह मेहर बादशाह के पास भेज दूँ।",
"output": "duusare din savere us ne maan se kaha, ammaa, badi bhukh lagi he. tum bazaar se kuch khaane ko le aao, ghar main banane main der lagegi. vah bechaari bazaar chali gai. idhar alladin ne chiraag ko ragada. jinn prakat hua or kehane laga, kya ajna he? alladin ne kaha, bhai, ab badshaah mere saath shahzadi kaa vivaah karne ke liye raji ho gaya he lekin us ne meher bada keemtee maanga he. vah kahata he ki chalis habshi gulam chalis swarna paatro main, jinke dhakkanon par minaakaari se sundar chitra bane hon, usee tarah ke ratna bhar kar laaen jaise main jaadu ke baag se laayaa tha. habshi gulaamon ke saath chalis gore rang ke sundar gulam bhi hon or sabhi gulam jardoji kii poshaak pahane hue hon. ab tum yah chijen prastut kar do to main apni maan ke saath yah meher badshaah ke paas bhej don."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246317,
"input": "जिन्न ने कहा, यह सब मैं अभी लाए देता हूँ। यह कह कर वह गायब हो गया और कुछ ही क्षणों में मेहर के साथ फिर उपस्थित हो गया। अलादीन का घर चालीस हब्शी और चालीस गौर वर्ण गुलामों से भर गया। सभी गुलाम जरदोजी के ऐसे मूल्यवान वस्त्र पहने थे जो अमीरों को भी नसीब नहीं होते। हब्शियों के सिरों पर स्वर्ण पात्र थे जिनके मीनाकारी के काम के ढक्कन थे। सब ने स्वर्ण पात्रों को खोल कर दिखाया। उन सभी में उसी तरह के बड़े-बड़े हीरे, मोती, नीलम, लाल, पुखराज आदि भरे हुए थे। अलादीन का घर रत्नों, स्वर्ण पात्रों और जरी की पोशाकों से जगमगाने लगा। जिन्न ने पूछा कि और कोई काम तो नहीं है? अलादीन ने कहा, अभी कोई काम नहीं है। लेकिन जरूरत होगी तो फिर बुलाऊँगा।",
"output": "jinn ne kaha, yah sab main abhi laae detaa hoon. yah kah kar vah gaayab ho gaya or kuch hi kshanon main meher ke saath phir upasthit ho gaya. alladin kaa ghar chalis habshi or chalis gaur varna gulaamon se bhar gaya. sabhi gulam jardoji ke aise moolyawaan vastra pahane the jo amiron ko bhi naseeb nahin hote. habshiyon ke siron par swarna paatr the jinke minaakaari ke kaam ke dhakkan the. sab ne swarna paatro ko khol kar dikhaaya. un sabhi main usee tarah ke bade-bade heere, moti, neelam, laal, pukhraj aadi bhare hue the. alladin kaa ghar ratnon, swarna paatro or jari kii poshaakon se jagamagane laga. jinn ne poocha ki or koi kaam to nahin he? alladin ne kaha, abhi koi kaam nahin he. lekin jarurat hogi to phir bulaauunga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246318,
"input": "अलादीन की माँ बाजार में आई तो यह साज-सामान देख कर स्तंभित रह गई। अलादीन ने उस से कहा, अम्मा, तुम जल्दी से नाश्ता करो और मेरे खाने-पीने की चिंता छोड़ कर इस मेहर को ले कर बादशाह के दरबार में चली जाओ। ऐसा न हो कि बादशाह की मति फिर पलट जाए। अभी बादशाह इस मेहर को देखेगा तो इतना अभिभूत होगा कि इनकार न कर सकेगा। इसलिए तुम जाने की जल्दी करो।",
"output": "alladin kii maan bazaar main ai to yah saaj-saamaan dekh kar stambhit rah gai. alladin ne us se kaha, ammaa, tum jaldi se naashtaa karo or mere khaane-pine kii chintaa chhod kar is meher ko le kar badshaah ke darbar main chali jaao. aisa na ho ki badshaah kii mati phir palat jaae. abhi badshaah is meher ko dekhegaa to itnaa abhibhoot hoga ki inkaar na kar sakegaa. isliye tum jane kii jaldi karo."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246319,
"input": "बुढ़िया ने जल्दी-जल्दी खाया-पिया और दरबारी पोशाक पहनी। उस बीच अलादीन ने गुलामों को पंक्तिबद्ध किया और यह बताया कि किस प्रकार दरबार में प्रवेश करें और किस भाँति एक-एक करके स्वर्ण पात्रों को बादशाह को ढक्कन खोल कर दिखाएँ। उस ने एक-एक हब्शी गुलाम के आगे एक-एक गोरे रंग गुलाम खड़ा किया और उनका दर्शनीय समूह बना दिया। उन के पीछे माँ को भेज कर वह अपने घर में व्यग्रता से परिणाम की प्रतीक्षा करने लगा।",
"output": "budhiya ne jaldi-jaldi khaaya-piya or darbari poshaak pahani. us bich alladin ne gulaamon ko panktibaddh kiya or yah bataaya ki kis prakaar darbar main pravesh karen or kis bhanti ek-ek karke swarna paatro ko badshaah ko dhakkan khol kar dikhaaen. us ne ek-ek habshi gulam ke aage ek-ek gore rang gulam khadaa kiya or unka darshneey samooh bana diya. un ke peeche maan ko bhej kar vah apane ghar main vyagrata se parinaam kii pratiksha karne laga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246320,
"input": "यह काफिला चला तो नगरवासी मार्ग के दोनों ओर भीड़ लगा कर तमाशा देखने को खड़े हो गए। एक-एक गुलाम की पोशाक ही एक-एक लाख रुपए की होगी और उन के वस्त्रों तथा स्वर्ण पात्रों से निकलनेवाली चमक से देखनेवालों की आँखें चौंधियाई जाती थीं। गुलामों का समूह जब शाही दरबार के सामने पहुँचा तो हरकारों ने बादशाह को उस की खबर दी। उस ने आदेश दिया कि उन्हें दरबार में हाजिर करो। वे सभी कायदे से चलते हुए अर्ध गोलाकार रूप में सिंहासन के सामने खड़े हो गए। फिर उन गुलामों ने सम्मानपूर्वक ढकने हटा कर रत्नों को पेश किया। अलादीन की माँ ने आगे बढ़ कर सिंहासन का पाया चूमा और कहा, मेरे बेटे ने कहलवाया है कि यद्यपि यह भेंट आप के सम्मान के अनुकूल नहीं है फिर भी आशा है कि इसे स्वीकार करके मुझे अपनी गुलामी में लेंगे। बादशाह ने मंत्री से कहा, जो आदमी ऐसा मेहर दे सकता है वह निस्संदेह मेरe दामाद होने के योग्य है। मंत्री ने उस की मति को फेरना चाहा और ऊँच-नीच समझाया किंतु बादशाह ने उस की न मानी।",
"output": "yah kafila chalaa to nagarvasi maarg ke donon ore bheed laga kar tamaasha dekhne ko khadey ho gaye. ek-ek gulam kii poshaak hi ek-ek lakh rupye kii hogi or un ke vastron tathaa swarna paatro se nikalanevaali chamak se dekhanewaalon kii ankhen chaundhian jaati thim. gulaamon kaa samooh jab shahi darbar ke saamne pahunchaa to harkaron ne badshaah ko us kii khabar di. us ne aadesh diya ki unhen darbar main hajir karo. ve sabhi kaayade se chalate hue ardh golakaar rup main singhaasana ke saamne khadey ho gaye. phir un gulaamon ne sammanpurvak dhakne hataa kar ratnon ko pesh kiya. alladin kii maan ne aage bad kar singhaasana kaa paaya choomaa or kaha, mere bete ne kahalwaya he ki yadhyapi yah bhent aap ke sammaan ke anukool nahin he phir bhi aashaa he ki ise sweekaar karke mujhe apni gulaami main lenge. badshaah ne mantri se kaha, jo aadmi aisa meher de saktaa he vah nihsandeh merate damaad hone ke yogya he. mantri ne us kii mati ko pherana chaha or oonch-neech samajhaayaa kintu badshaah ne us kii na maani."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246321,
"input": "बादशाह ने अलादीन की भेंट स्वीकार कर ली और उस की माँ से कहा, तुम अपने बेटे को यहाँ लाओ। मैं उसे देखना चाहता हूँ। मैं ने जो वचन दिया है उसे जरूर पूरा करूँगा। अलादीन की माँ यह सुन कर दौड़ी हुई अपने घर आई। उधर बादशाह भी दरबार से उठ कर अपने महल में आ गया।",
"output": "badshaah ne alladin kii bhent sweekaar kar lee or us kii maan se kaha, tum apane bete ko yahan lao. main use dekhnaa chahta hoon. main ne jo vachan diya he use jarur puraa karunga. alladin kii maan yah sun kar daudi hui apane ghar ai. udhar badshaah bhi darbar se uth kar apane mahal main aa gaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246322,
"input": "उस ने दासों और सेवकों को आज्ञा दी कि रत्नों से भरे सारे पात्र शहजादी के महल में पहुँचा दिए जाएँ। वह स्वयं भी शहजादी के महल में गया ताकि उन रत्नों को भली-भाँति देखे। शहजादी के महल के आँगन में जब सजे-धजे अस्सी गुलाम आ कर खड़े हुए और शहजादी ने चिक की आड़ से उन्हें देखा तो उन के वैभव को देख कर बड़े आश्चर्य में पड़ी। उस ने इतने विशाल राज्य की राजकुमारी होने पर भी ऐसी तड़क-भड़क और ऐसे अमूल्य रत्न कभी नहीं देखे थे।",
"output": "us ne daason or sevakon ko ajna di ki ratnon se bhare saare paatr shahzadi ke mahal main pahunchaa die jaaen. vah swayan bhi shahzadi ke mahal main gaya taaki un ratnon ko bhalee-bhanti dekhe. shahzadi ke mahal ke aangan main jab saje-dhaje assi gulam aa kar khadey hue or shahzadi ne chik kii aad se unhen dekha to un ke vaibhav ko dekh kar bade aashcharya main padi. us ne itane vishaal rajya kii rajkumaari hone par bhi aisi tadak-bhadak or aise amuly ratna kabhi nahin dekhe the."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246323,
"input": "अलादीन की माँ ने घर जा कर पुत्र से कहा, तुम भगवान को धन्यवाद दो। तुम्हारा भाग्य खुल गया। बादशाह ने तुम्हारी भेंट पसंद कर ली और कहा कि शहजादी का विवाह तुम से होगा। अन्य दरबारियों ने भी सहमति प्रकट की। बादशाह ने तुम्हें बुलाया है ताकि तुम्हारे हाथ में अपनी पुत्री का हाथ दे दे। अलादीन यह सुन कर खुशी से झूम उठा। उस ने माँ से कहा, अम्मा, तुम्हें थोड़ी ही देर प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। मैं तैयार हो कर अभी चलता हूँ। यह कह कर वह अंदर के कमरे में गया। उस ने चिराग को रगड़ा और जिन्न प्रकट हो कर आदेश की माँग करने लगा। अलादीन बोला, एक तो मैं हम्माम में स्नान करना चाहता हूँ, इस के बाद तुम मेरे लिए बादशाहों के जैसे कपड़े ले आओ। जिन्न ने उस का हाथ पकड़ा और उसे उड़ा कर एक संगमरमर के बने हम्माम में ले गया। अलादीन ने कपड़े उतार कर गर्म पानी से मल-मल कर नहाया और तरह-तरह की सुगंधियाँ अपनी देह में लगाईं। उस का शरीर गोरा और नरम हो गया और बदन के एक-एक जोड़ में चुस्ती आ गई और उस का चेहरा चाँद की तरह दमकने लगा। जब वह उस जगह आया जहाँ उस ने कपड़े उतारे थे तो वहाँ एक भारी कमख्वाब का जोड़ा अपने लिए रखा पाया।",
"output": "alladin kii maan ne ghar ja kar putr se kaha, tum bhagwaan ko dhanyavad do. tumhaara bhagya khul gaya. badshaah ne tumhaari bhent pasand kar lee or kaha ki shahzadi kaa vivaah tum se hoga. anya darbariyon ne bhi sahmati prakat kii. badshaah ne tumhen bulaayaa he taaki tumhaare haath main apni putree kaa haath de de. alladin yah sun kar khushi se jhum uthaa. us ne maan se kaha, ammaa, tumhen thodi hi der pratiksha kerani padegi. main taiyaar ho kar abhi chalata hoon. yah kah kar vah andar ke kamare main gaya. us ne chiraag ko ragada or jinn prakat ho kar aadesh kii maang karne laga. alladin bolaa, ek to main hammam main snaan karnaa chahta hoon, is ke baad tum mere liye baadshahon ke jaise kapade le aao. jinn ne us kaa haath pakadaa or use uda kar ek sangemarmar ke bane hammam main le gaya. alladin ne kapade utaar kar garm pani se mel-mel kar nahaaya or tarah-tarah kii sugandhiyaan apni deh main lagaayee. us kaa sharir gora or naram ho gaya or badan ke ek-ek jod main chusti aa gai or us kaa cheharaa chaand kii tarah damakane laga. jab vah us jagah aayaa jahaan us ne kapade utaare the to vahaan ek baari kamakhwab kaa joda apane liye rakhaa paaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246324,
"input": "वहाँ जिन्न भी आ गया जिसने कपड़े पहनने में अलादीन की सहायता की। फिर जिन्न ने कहा, अब क्या आज्ञा है? अलादीन ने कहा, मेरे लिए एक ऐसा बढ़िया घोड़ा लाओ जिसके मुकाबिले का कोई घोड़ा शाही अस्तबल में मौजूद न हो। उस का साज-सामान भी लाखों रुपए का होना चाहिए। इस के अलावा बारह गुलाम मेरे दाएँ-बाएँ और पीछे चलने के लिए हों और बीस सिपाही मेरी सवारी के आगे चलने के लिए। छह दासियाँ अच्छे कपड़े पहने हुए मेरी माँ की सेवा में चलें और दो दासियाँ दो भारी और अति मूल्यवान कपड़ों के जोड़े उठाए हुए साथ चलें, एक मेरी माँ के लिए और दूसरा मेरी भावी पत्नी के लिए। इस के अलावा दस तोड़े अशर्फियों के मेरे लिए हों जिन्हें मैं रास्ते में लुटाता चलूँ।",
"output": "vahaan jinn bhi aa gaya jisane kapade pahanane main alladin kii sahaayta kii. phir jinn ne kaha, ab kya ajna he? alladin ne kaha, mere liye ek aisa badhiya ghoda lao jiske mukaabile kaa koi ghoda shahi astabal main maujuud na ho. us kaa saaj-saamaan bhi lakhon rupye kaa hona chahie. is ke alaava baarah gulam mere daayen-baayein or peeche chalane ke liye hon or bees sipaahi meri sawari ke aage chalane ke liye. chah dasiyaan achche kapade pahane hue meri maan kii seva main chalem or do dasiyaan do baari or ati moolyawaan kapadon ke jode uthaae hue saath chalem, ek meri maan ke liye or doosraa meri bhavi patni ke liye. is ke alaava das tode asharfiyon ke mere liye hon jinhen main raste main lutaata chaluun."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246325,
"input": "जिन्न यह आदेश पा कर गायब हो गया और दो क्षणों में यह सारी चीजें ला कर दे दीं। अलादीन ने अशर्फियों के चार तोड़े अपनी माँ को दिए ताकि शाही महल में इनाम- इकराम के काम आएँ और छह तोड़े अपने साथ चलनेवाले बारह गुलामों में से छह को दिए कि मुट्ठी भर-भर कर अशर्फियाँ फकीरों और गरीबों के लिए बादशाह के महल तक लुटाते चलें। अपनी माँ के आगे छह दासियाँ करके कहा, यह छह तो तुम्हारी सेवा के लिए हैं। इनके अलावा यह दो दासियाँ बहुमूल्य वस्त्र लिए हैं, इनमें एक जोड़ा जो तुम चाहो बदर बदौर को दे देना और दूसरा अपने लिए रख लेना। फिर उस ने जिन्न से कहा कि इस समय तुम जाओ, जब फिर जरूरत पड़ेगी तो तुम्हें बुलाऊँगा। जिन्न यह सुन कर गायब हो गया।",
"output": "jinn yah aadesh paa kar gaayab ho gaya or do kshanon main yah sari chijen laa kar de deen. alladin ne asharfiyon ke chaar tode apni maan ko die taaki shahi mahal main inaam- ikraam ke kaam aaen or chah tode apane saath chalanevaale baarah gulaamon main se chah ko die ki mutthi bhar-bhar kar asharfiyan fakiron or garibon ke liye badshaah ke mahal tak lutaate chalem. apni maan ke aage chah dasiyaan karke kaha, yah chah to tumhaari seva ke liye hai. inke alaava yah do dasiyaan bahumoolya vastra liye hai, inamen ek joda jo tum chaaho badar badaur ko de dena or doosraa apane liye rakh lenaa. phir us ne jinn se kaha ki is samay tum jaao, jab phir jarurat padegi to tumhen bulaauunga. jinn yah sun kar gaayab ho gaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246326,
"input": "इस के बाद अलादीन ने एक दास को शाही दरबार में भेजा कि बादशाह से कहे कि अलादीन आना चाहता है। वह जा कर वापस हुआ और बोला, बादशाह और सारे सरदार आप की प्रतीक्षा में हैं। अलादीन कभी घोड़े पर न बैठा था किंतु उस बढ़िया घोड़े पर शान से बैठा और उसे कुदाता हुआ बाजार से निकला। लोगों की भीड़ लग गई और अलादीन के दासों ने अशर्फियाँ लुटानी शुरू कर दीं। लोगों ने अलादीन को हमेशा फटेहाल देखा था। उसे इस ठाठ-बाट में देख कर कोई पहचान न सका और लोग आपस में बातें करने लगे कि यह शानदार आदमी जो इतने खुले हाथों से अशर्फियाँ लुटा रहा है, कौन है। सारे शहर में उस की चर्चा होने लगी और जानकार लोगों ने बताया कि कुछ ही देर पहले इस ने बादशाह के लिए ऐसी बहुमूल्य भेंट भेजी है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। उन्होंने यह भी बताया कि इसी आदमी से शहजादी का विवाह होना निश्चित हुआ है। यह सुन कर लोग बड़े खुश हुए और कहने लगे कि वास्तव में शहजादी के लिए इस से अधिक उपयुक्त वर का मिलना असंभव था।",
"output": "is ke baad alladin ne ek das ko shahi darbar main bheja ki badshaah se kahe ki alladin aana chahta he. vah ja kar waapas hua or bolaa, badshaah or saare sardaar aap kii pratiksha main hai. alladin kabhi ghode par na baitha tha kintu us badhiya ghode par shaan se baitha or use kudata hua bazaar se niklaa. logon kii bheed lag gai or alladin ke daason ne asharfiyan lutaani shuru kar deen. logon ne alladin ko hameshaa fatehaal dekha tha. use is thaath-baat main dekh kar koi pahchaan na sakaa or log aapas main baaten karne lage ki yah shandaar aadmi jo itane khule haathon se asharfiyan lutaa rahaa he, koun he. saare shahar main us kii charchaa hone lagi or jaankaar logon ne bataaya ki kuch hi der pehle is ne badshaah ke liye aisi bahumoolya bhent bheji he jisaki koi kalpana bhi nahin kar saktaa. unhone yah bhi bataaya ki isi aadmi se shahzadi kaa vivaah hona nishchit hua he. yah sun kar log bade khush hue or kehane lage ki vastav main shahzadi ke liye is se adhik upyukt var kaa milanaa asambhav tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246327,
"input": "जब अलादीन महल के बाहरी फाटक पर पहुँचा तो उस ने चाहा कि घोड़े से उतरूँ। लेकिन वहाँ उस के स्वागत के लिए मंत्री, सरदार और अमीर-उमरा जो जमा हुए थे उन्होंने उसे उतरने नहीं दिया और उसे घोड़े पर बिठाए हुए ही प्रांगण में से ले गए। जब वह दरवाजे पर पहुँचा तो इन लोगों ने उसे घोड़े से उतारा और दो पंक्तियाँ बना कर उन के बीच में अलादीन को करके सम्मानीय अतिथि के रूप में बादशाह के सामने ले गए। अलादीन का रूप-रंग और वेशभूषा देख कर बादशाह को योग्य दामाद के पाने पर बड़ी प्रसन्नता हुई। अलादीन ने चाहा कि बादशाह के पाँवों पर गिरे किंतु बादशाह ने उसे ऐसा करने से रोक दिया और उसे अपने साथ ही सिंहासन पर बिठा लिया।",
"output": "jab alladin mahal ke bahari phatak par pahunchaa to us ne chaha ki ghode se utaruun. lekin vahaan us ke swaagat ke liye mantri, sardaar or amir-umara jo jamaa hue the unhone use utarane nahin diya or use ghode par bithaae hue hi praangan main se le gaye. jab vah daravaaje par pahunchaa to in logon ne use ghode se utaara or do panktiyaan bana kar un ke bich main alladin ko karke sammaneey atithi ke rup main badshaah ke saamne le gaye. alladin kaa rup-rang or veshbhusha dekh kar badshaah ko yogya damaad ke paane par badi prasannataa hui. alladin ne chaha ki badshaah ke paanvon par gire kintu badshaah ne use aisa karne se roak diya or use apane saath hi singhaasana par bitha liya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246328,
"input": "बादशाह ने कहा, तुम किस देश से आए हो? अलादीन ने कहा, मैं आप ही की प्रजा में से हूँ, यहीं का निवासी हूँ, किंतु शहजादी के बगैर जिंदा नहीं रह सकता इसीलिए आप की सेवा में आया हूँ। बादशाह ने उसे गले लगा कर कहा, मैं अन्यायी नहीं हूँ। मैं ने जो वचन दिया है उस पर कायम हूँ। मेरे सामने मरने-जीने की बातें न करो, तुम मुझे बहुत प्यारे हो। मैं ने जैसी तुम्हारी प्रशंसा सुनी थी वैसा ही तुम्हें पाया। यह कह कर बादशाह ने इशारा किया तो चारों ओर से तरह-तरह के बाजे बजने लगे। फिर बादशाह अलादीन का हाथ पकड़ कर उसे महल के अंदर ले गया और दोनों ने साथ-साथ भोजन किया। बादशाह ने उस से विभिन्न विषयों पर बातें कीं और देखा कि वह हर बात का बुद्धिमानी और शालीनता के साथ उत्तर देता है। बादशाह इस बात से बहुत खुश हुआ। भोजन से निवृत्त हो कर उस ने काजी को बुलाया और निकाह पढ़ने की तैयारी के लिए कहा। वह अलादीन को भेंटवार्ता के कक्ष में लाया जहाँ सरदारों और अमीरों ने अलादीन से बातें कीं और उस की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की। विवाह के बाद बादशाह ने अलादीन से कहा कि आज तुम इसी महल में रहो ताकि सुहागरात यहीं हो। अलादीन ने कहा, मैं आप की आज्ञा से बाहर नहीं हूँ किंतु मैं चाहता हूँ कि नया महल अपनी पत्नी के लिए बनवाऊँ और उसी में उस से भेंट करूँ। बादशाह ने कहा, अच्छी बात है, लेकिन तुम्हारा महल मेरे महल के पास ही होना चाहिए। मेरे महल के सामने एक बड़ा मैदान है। उस में तुम जहाँ भी चाहो अपना महल बनवा लो। यह कह कर उसे गले लगा कर विदा किया। अलादीन वापसी में भी दोनों ओर अशर्फियाँ लुटाता हुआ आया और प्रजाजन ने उस की दानशीलता और वैभव की और अधिक प्रशंसा की।",
"output": "badshaah ne kaha, tum kis desh se aae ho? alladin ne kaha, main aap hi kii praja main se hoon, yaheen kaa nivasee hoon, kintu shahzadi ke bagaiyr jinda nahin rah saktaa isiilie aap kii seva main aayaa hoon. badshaah ne use gale laga kar kaha, main anyaayi nahin hoon. main ne jo vachan diya he us par kaayam hoon. mere saamne marane-jeene kii baaten na karo, tum mujhe bahut pyaare ho. main ne jaisi tumhaari prashansa suni thi vaisaa hi tumhen paaya. yah kah kar badshaah ne ishaara kiya to chaaron ore se tarah-tarah ke baaje bajane lage. phir badshaah alladin kaa haath pakad kar use mahal ke andar le gaya or donon ne saath-saath bhojan kiya. badshaah ne us se vibhinn vishyon par baaten kin or dekha ki vah har baat kaa budhimaani or shaleenta ke saath uttar detaa he. badshaah is baat se bahut khush hua. bhojan se nivrutt ho kar us ne kaaji ko bulaayaa or nikaah padhane kii taiyaari ke liye kaha. vah alladin ko bhentvaarta ke kaksh main laayaa jahaan saradaaron or amiron ne alladin se baaten kin or us kii budhimatta kii prashansa kii. vivaah ke baad badshaah ne alladin se kaha ki aaj tum isi mahal main raho taaki suhagaraat yaheen ho. alladin ne kaha, main aap kii ajna se baahar nahin hoon kintu main chahta hoon ki nayaa mahal apni patni ke liye banavaayuun or usee main us se bhent karuun. badshaah ne kaha, acchhee baat he, lekin tumhaara mahal mere mahal ke paas hi hona chahie. mere mahal ke saamne ek bada maidan he. us main tum jahaan bhi chaaho apana mahal banavaa lo. yah kah kar use gale laga kar vidaa kiya. alladin vaapasi main bhi donon ore asharfiyan lutaata hua aayaa or prajajan ne us kii daansheeltaa or vaibhav kii or adhik prashansa kii."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246329,
"input": "घर आ कर अलादीन अंदरूनी कमरे में गया। वहाँ उस ने चिराग को रगड़ कर फिर जिन्न को बुलाया। जिन्न ने सदा की भाँति उस से कहा, स्वामी, आज्ञा करें। अलादीन ने जिन्न से कहा, भाई, तुम प्रशंसा योग्य हो। जो कुछ भी मैं ने तुम से कहा है तुमने किया है। अब मैं तुम से एक बड़ा काम करने को कहता हूँ। बादशाह के महल के उस तरफ जो बड़ा मैदान है उस में तुम मेरे लिए एक बहुत ही शानदार महल बनाओ। तुम खुद ही जो पत्थर उचित समझो उस का महल बनाना। उस में एक बड़ी बारहदरी हो जिसकी छत गुंबददार हो और सिर्फ सोने-चाँदी की बनी हो। उस के चारों ओर के चौबीस दरवाजों में सिर्फ एक दरवाजा छोड़ कर बाकी में असंख्य रत्न जड़े हों। महल में एक बड़ा दीवानखाना और बहुत ही सुंदर फूलों का बाग भी होना चाहिए। उस का बावर्चीखाना ऐसा हों जिस में हजारों आदमियों का भोजन बन सके। उस के खजाने में असंख्य रत्न, अशर्फियाँ और रुपए हों। उस के भंडार गृह में हर मौसम के लायक कपड़ों की बहुतायात हो। उस की घुड़साल में सैकड़ों असील घोड़े हों और उन के लिए साईस भी। बहुत-से दास-दासियाँ और सेवक भी चाहिए। इस के अलावा मैं जो कुछ इस समय भूल रहा हूँ वह भी ला कर महल को सब प्रकार से संपूर्ण कर देना। जिस समय अलादीन ने जिन्न से यह सब करने को कहा उस समय संध्या हो रही थी। जिन्न ने कहा, कल सुबह जब आप जागेंगे तो आप को महल तैयार मिलेगा। यह कह कर जिन्न गायब हो गया और अलादीन अपने घर के शयन कक्ष में चला गया।",
"output": "ghar aa kar alladin andruni kamare main gaya. vahaan us ne chiraag ko ragad kar phir jinn ko bulaayaa. jinn ne sadaa kii bhanti us se kaha, swami, ajna karen. alladin ne jinn se kaha, bhai, tum prashansa yogya ho. jo kuch bhi main ne tum se kaha he tumne kiya he. ab main tum se ek bada kaam karne ko kahata hoon. badshaah ke mahal ke us taraf jo bada maidan he us main tum mere liye ek bahut hi shandaar mahal banaao. tum khud hi jo pathar uchit samajho us kaa mahal bananaa. us main ek badi barahdari ho jisaki chat gumbadadaar ho or sirf sone-chaandi kii bani ho. us ke chaaron ore ke choubees daravaajon main sirf ek darwaja chhod kar baaki main asankhya ratna jade hon. mahal main ek bada deewaankhana or bahut hi sundar phulon kaa baag bhi hona chahie. us kaa bawarchikhana aisa hon jis main hajaaron aadamiyon kaa bhojan ban sake. us ke khajaane main asankhya ratna, asharfiyan or rupye hon. us ke bhandar grih main har mausam ke laayak kapadon kii bahutayaat ho. us kii ghudsal main saikadon aseel ghode hon or un ke liye saees bhi. bahut-se das-dasiyaan or sevak bhi chahie. is ke alaava main jo kuch is samay bhul rahaa hoon vah bhi laa kar mahal ko sab prakaar se sampurna kar dena. jis samay alladin ne jinn se yah sab karne ko kaha us samay sandhya ho rahi thi. jinn ne kaha, kal subah jab aap jaagenge to aap ko mahal taiyaar milegaa. yah kah kar jinn gaayab ho gaya or alladin apane ghar ke shayan kaksh main chalaa gaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246330,
"input": "रात को अलादीन को काफी देर में नींद आई क्योंकि वह शहजादी के विरह में व्याकुल रहा। सवेरे कुछ देर में उस की आँख खुली तो जिन्न उस के पास आया और बोला कि चल कर देख लीजिए, जैसा महल आप ने कहा था वैसा बन कर तैयार हो गया है। अलादीन ने जा कर देखा तो उस की तबीयत खुश हो गई। अलादीन ने देखा कि महल काफी विस्तृत है और उस का प्रत्येक कक्ष इस तरह से सुसज्जित है जैसा अन्य कहीं मिलना मुमकिन नहीं है। हर जगह लाखों रुपए की सजावट है और सारा महल दास-दासियों से भरा हुआ है। सभी चुस्ती से अपना काम करने में लगे थे।",
"output": "raat ko alladin ko kaaphi der main neend ai kyonki vah shahzadi ke virah main vyakul rahaa. savere kuch der main us kii aankh khuli to jinn us ke paas aayaa or bolaa ki chal kar dekh lijie, jaisaa mahal aap ne kaha tha vaisaa ban kar taiyaar ho gaya he. alladin ne ja kar dekha to us kii tabiyat khush ho gai. alladin ne dekha ki mahal kaaphi vistrut he or us kaa prayek kaksh is tarah se susajjit he jaisaa anya kahin milanaa mumkin nahin he. har jagah lakhon rupye kii sajaavat he or sara mahal das-daasiyon se bharaa hua he. sabhi chusti se apana kaam karne main lage the."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246331,
"input": "खजाने में सैकड़ों संदूक अशर्फियों, रुपयों तथा रत्नों से भरे हुए रखे थे। अलादीन को यह सब देख कर बहुत अच्छा लगा और उस ने जिन्न की बड़ी प्रशंसा की।",
"output": "khajaane main saikadon sandook asharfiyon, rupayon tathaa ratnon se bhare hue rakhe the. alladin ko yah sab dekh kar bahut acha laga or us ne jinn kii badi prashansa kii."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246332,
"input": "फिर वह जिन्न उसे घुड़साल में ले गया। वहाँ सारे देशों के अच्छी जातियों के घोड़े बँधे थे। हर एक के लिए एक होशियार साईस था और जड़ाऊ जीन लगामें थीं। कई घुड़साल के दारोगा भी साईसों के ऊपर नियुक्त थे। यह सब दिखाने के बाद जिन्न उसे भंडार गृह में ले गया। वहाँ जीवन की प्रत्येक आवश्यक वस्तु भरी पड़ी थी। इसी तरह कई तहखाने और कई ऊपरी कक्ष भी जिन्न ने उसे दिखाए। फिर वह खास बारहदरी दिखाई जिस के लिए अलादीन ने कहा था। यह सारा वैभव देख कर अलादीन बहुत खुश हुआ। फिर उस ने जिन्न से कहा, यह सब बहुत अच्छा है लेकिन एक चीज रह गई है जिसे प्रस्तुत करने के लिए तुम से कहना मैं भूल गया था। मैं चाहता हँ कि एक काफी चौड़ाईवाला मखमली कालीन मेरे महल से ले कर राजमहल के द्वार तक बिछ जाए ताकि रास्ते पर मेरी स्त्री उस पर चल कर आए। जिन्न ने तुरंत ही मखमली कालीन भी बिछवा दिया।",
"output": "phir vah jinn use ghudsal main le gaya. vahaan saare deshon ke acchhee jatiyon ke ghode bandhe the. har ek ke liye ek hoshiyaar saees tha or jadaau jin lagaamen thim. kai ghudsal ke daaroga bhi saison ke upar niyukt the. yah sab dikhaane ke baad jinn use bhandar grih main le gaya. vahaan jivan kii prayek aavashyak vastu bhari padi thi. isi tarah kai tahkhaane or kai upree kaksh bhi jinn ne use dikhaae. phir vah khaas barahdari dikhaai jis ke liye alladin ne kaha tha. yah sara vaibhav dekh kar alladin bahut khush hua. phir us ne jinn se kaha, yah sab bahut acha he lekin ek cheez rah gai he jise prastut karne ke liye tum se kahana main bhul gaya tha. main chahta han ki ek kaaphi chaudaaywala makhmali kaaleen mere mahal se le kar rajmahal ke dwaar tak bich jaae taaki raste par meri stri us par chal kar aae. jinn ne turant hi makhmali kaaleen bhi bichawa diya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246333,
"input": "राजमहल के सेवकों ने सुबह जब द्वार खोले तो देखा कि महल के सामने के मैदान में एक बहुत बड़ा भवन बना हुआ है। यह देख कर उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ। इस से भी अधिक आश्चर्य की बात यह थी कि उस महल के द्वार से राजमहल के द्वार तक एक चौड़ा मखमली कालीन बिछा हुआ है। उन्होंने महल में सब लोगों से यह कहा। मंत्री जब दरबार में आया तो उसे भी यह सब देख कर बड़ा आश्चर्य हुआ। दरबार के समय उस ने बादशाह से सिर नवा कर कहा, सरकार, राजमहल के सामने के मैदान में एक बड़ा भारी महल दिखाई देता है। कल तक वह मौजूद नहीं था। मुझे तो ऐसा लगता है कि काम जादू का है।",
"output": "rajmahal ke sevakon ne subah jab dwaar khole to dekha ki mahal ke saamne ke maidan main ek bahut bada bhawan bana hua he. yah dekh kar unhen bada aashcharya hua. is se bhi adhik aashcharya kii baat yah thi ki us mahal ke dwaar se rajmahal ke dwaar tak ek chaudaa makhmali kaaleen bicha hua he. unhone mahal main sab logon se yah kaha. mantri jab darbar main aayaa to use bhi yah sab dekh kar bada aashcharya hua. darbar ke samay us ne badshaah se sir nava kar kaha, sarkaar, rajmahal ke saamne ke maidan main ek bada baari mahal dikhaai detaa he. kal tak vah maujuud nahin tha. mujhe to aisa lagata he ki kaam jaadu kaa he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246334,
"input": "बादशाह ने मंत्री से बिगड़ कर कहा, तुम बिल्कुल गलत कहते हो। यहाँ जादू की कोई बात नहीं है। कल शादी के बाद जब मैं ने उस से राजमहल में रात बिताने को कहा तो उस ने मुझ से आज्ञा माँगी कि मैदान में अपने लिए महल बनवा लूँ और शहजादी का वहीं स्वागत करूँ। तुम्हें उस से जलन है इसलिए जादू आदि की बात करते हो। असली बात यह है कि अलादीन के पास अपार धन है। अगर उस ने लाखों लोगों को काम पर लगा कर एक रात में महल तैयार करवा लिया तो आश्चर्य की क्या बात है। चूँकि दरबार का समय आरंभ हो गया था इसलिए इस विषय पर बादशाह और मंत्री के बीच ओर कोई बातचीत न हो सकी।",
"output": "badshaah ne mantri se bighad kar kaha, tum bilkul galat kehete ho. yahan jaadu kii koi baat nahin he. kal shaadi ke baad jab main ne us se rajmahal main raat bitaane ko kaha to us ne mujh se ajna maangi ki maidan main apane liye mahal banavaa lun or shahzadi kaa vahiin swaagat karuun. tumhen us se jalan he isliye jaadu aadi kii baat karte ho. asli baat yah he ki alladin ke paas apaar dhan he. agar us ne lakhon logon ko kaam par laga kar ek raat main mahal taiyaar karvaa liya to aashcharya kii kya baat he. chunki darbar kaa samay aarambh ho gaya tha isliye is vishay par badshaah or mantri ke bich ore koi baatcheet na ho saki."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246335,
"input": "अलादीन जिन्न को विदा दे कर अपने पुराने घर में आया। उस की माँ राजमहल में जाने के लिए कपड़े पहन रही थी। अलादीन ने कहा, अम्मा, तुम राजमहल उस समय जाना जब बादशाह दरबार खत्म करके अंतःपुर में जाए। तुम राजमहल में इन दो दासियों के साथ जाना और जिन्न ने हमें जो पोशाकें ले जाने के लिए दी हैं, यह दोनों जोड़े और जेवर तुम शहजादी ही को दे देना। यह सुन कर उस ने वस्त्र पहनना समाप्त किया और बुरका ओढ़ कर राजमहल को गई। इधर अलादीन पिछले दिन की तरह अशर्फियाँ लुटाता हुआ अपने नए महल में आया।",
"output": "alladin jinn ko vidaa de kar apane puraane ghar main aayaa. us kii maan rajmahal main jane ke liye kapade pahan rahi thi. alladin ne kaha, ammaa, tum rajmahal us samay janaa jab badshaah darbar khatm karke antahpur main jaae. tum rajmahal main in do daasiyon ke saath janaa or jinn ne hamen jo poshaaken le jane ke liye di hai, yah donon jode or jevar tum shahzadi hi ko de dena. yah sun kar us ne vastra pahananaa samaapt kiya or burka odh kar rajmahal ko gai. idhar alladin pichley din kii tarah asharfiyan lutaata hua apane nae mahal main aayaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246336,
"input": "उस की माँ राजमहल में पहुँची तो चोबदारों ने उस के आगमन की सूचना बादशाह को दी। उस ने उस के स्वागतार्थ बाजों के बजाए जाने की आज्ञा दी। महल के बाहर भी बाजे बजने लगे। यह इस बात की सूचना देने के लिए कि शहजादी आज ससुराल जानेवाली है। सारे नागरिकों ने उत्सव मनाना शुरू कर दिया। रात की दीप मालिकाओं का प्रबंध किया जाने लगा। व्यापारी लेन-देन छोड़ कर अपनी दुकानों और घरों की सजावट करने लगे। हर दरवाजे पर वंदनवार और बैठक में कीमती कालीन बिछाए गए। लोग बड़ी तादाद में आ कर शहजादी के जाने के मार्ग पर जमा हो गए। सभी को अलादीन द्वारा बनवाए हुए नए महल तथा राजमहल से उस महल तक के मार्ग पर बिछे हुए कालीन को देख कर बड़ा आश्चर्य था।",
"output": "us kii maan rajmahal main pahaunchi to chobdaaron ne us ke aagaman kii soochna badshaah ko di. us ne us ke swagatarth baajon ke bajaae jane kii ajna di. mahal ke baahar bhi baaje bajane lage. yah is baat kii soochna dene ke liye ki shahzadi aaj sasuraal janevaali he. saare nagarikon ne utsav manaanaa shuru kar diya. raat kii deep malikaon kaa prabandh kiya jane laga. vyapaaree len-dein chhod kar apni dukaanon or gharon kii sajaavat karne lage. har daravaaje par vandanvaar or baithak main keemtee kaaleen bichhaae gaye. log badi taadaad main aa kar shahzadi ke jane ke maarg par jamaa ho gaye. sabhi ko alladin dwaara banawaye hue nae mahal tathaa rajmahal se us mahal tak ke maarg par bichhe hue kaaleen ko dekh kar bada aashcharya tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246337,
"input": "महल के ख्वाजासराओं का सरदार अलादीन को सम्मानपूर्वक महल के अंदर ले गया। शहजादी ने भी उठ कर सम्मानपूर्वक अपनी सास की अगवानी की। अलादीन की माँ ने वे वस्त्राभूषण जो अपने साथ लाई थी शहजादी को पहनाने के लिए दिए। सेविकाओं और दासियों ने वे वस्त्राभूषण शहजादी को पहनाए। जब वह ससुराल से आए वस्त्राभूषण पहन चुकी तो बादशाह भी उसे देखने को आया। उस ने पहली बार अलादीन की माँ का खुला चेहरा देखा (क्योंकि अब दोनों में रिश्तेदारी हो गई थी) और कहने लगा, मैं तो आप को खूसट बुढ़िया समझे हुए था। अब देखता हूँ तो आप बुद्धिमती ही नहीं बल्कि सुंदर और जवान भी लगती हैं।",
"output": "mahal ke khwajasaraaon kaa sardaar alladin ko sammanpurvak mahal ke andar le gaya. shahzadi ne bhi uth kar sammanpurvak apni saas kii agavaani kii. alladin kii maan ne ve vastrabhushan jo apane saath laai thi shahzadi ko pehanaane ke liye die. sevikaon or daasiyon ne ve vastrabhushan shahzadi ko pahanaae. jab vah sasuraal se aae vastrabhushan pahan chuki to badshaah bhi use dekhne ko aayaa. us ne pehali baar alladin kii maan kaa khulaa cheharaa dekha (kyonki ab donon main rishtedaari ho gai thi) or kehane laga, main to aap ko khoost budhiya samajhe hue tha. ab dekhtaa hoon to aap budhimati hi nahin balki sundar or jawan bhi lagati hai."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246338,
"input": "दिन भर उत्सव और दावतें होती रहीं। शाम को दुल्हन अपनी ससुराल के लिए विदा हुई। बादशाह और शहजादी गले मिल कर रोए। फिर शहजादी पतिगृह को चल दी। उस के पीछे सौ दासियों को ले कर अलादीन की माँ चली। यह जुलूस जब महल के मुख्य द्वार पर आया तो वहाँ से एक पार्श्व में सौ सरदार तथा दूसरे में उतने ही ख्वाजासरा शहजादी के आगे हो लिए। इन सब के बीच में सुंदरता की प्रतिमूर्ति शहजादी मखमली कालीन पर हंस की गति से चलने लगी। अलादीन के महल से डोमिनियों और मोरासिनों ने शहजादी को आते देख कर उस की अगवानी में गीत गाए। वह महल के द्वार पर पहुँची तो अलादीन उस के स्वागत के लिए आया। उस की माँ ने बताया कि शहजादी कौन है क्योंकि बढ़िया पोशाकें पहने हुए बीसियों सुंदरी दासियाँ वहाँ मौजूद थीं। शहजादी ने भी पहली बार अलादीन को देखा था क्योंकि विवाह के समय तो लज्जावश वह सिर ही नहीं उठा सकी थी। अलादीन को स्वस्थ और सुंदर देख कर उसे बड़ी प्रसन्नता हुई। अलादीन ने बड़ी सुशीलता के साथ उस से कहा, मेरे बड़े भाग्य हैं कि मैं ने तुम जैसी भुवनमोहिनी कोमलांगी वैभवशाली राजकुमारी को पाया है यद्यपि मेरी हैसियत कुछ नहीं है। भगवान ने शायद तुम से सुंदर किसी को रचा ही नहीं।",
"output": "din bhar utsav or daavatein hoti raheen. shaam ko dulhan apni sasuraal ke liye vidaa hui. badshaah or shahzadi gale mil kar roe. phir shahzadi patigrih ko chal di. us ke peeche sau daasiyon ko le kar alladin kii maan chali. yah juluus jab mahal ke mukhya dwaar par aayaa to vahaan se ek parshv main sau sardaar tathaa duusare main utane hi khwajasra shahzadi ke aage ho liye. in sab ke bich main sundarataa kii pratimurti shahzadi makhmali kaaleen par hans kii gati se chalane lagi. alladin ke mahal se dominiyon or morasinon ne shahzadi ko aate dekh kar us kii agavaani main geet gaae. vah mahal ke dwaar par pahaunchi to alladin us ke swaagat ke liye aayaa. us kii maan ne bataaya ki shahzadi koun he kyonki badhiya poshaaken pahane hue bisiyon sundari dasiyaan vahaan maujuud thim. shahzadi ne bhi pehali baar alladin ko dekha tha kyonki vivaah ke samay to lajjawash vah sir hi nahin uthaa saki thi. alladin ko swasth or sundar dekh kar use badi prasannataa hui. alladin ne badi sushiltaa ke saath us se kaha, mere bade bhagya hai ki main ne tum jaisi bhuvanmohini komalangi vaibhavshaalee rajkumaari ko paaya he yadhyapi meri haisiyat kuch nahin he. bhagwaan ne shaayad tum se sundar kisi ko rachaa hi nahin."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246339,
"input": "शहजादी ने भी वैसी ही शालीनता दिखाते हुए कहा, ऐ मेरे सिरताज, वैसे तो मैं लड़की होने के कारण विवाह में अपने पिता की इच्छा की पाबंद हूँ और वे जिसे मेरा पति बनाते उसे मैं प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लेती। किंतु अब आप को देख कर अपना भाग्य सराहती हूँ कि मेरे पिता ने मेरे लिए कितना अच्छा वर तलाश किया है। अलादीन यह शालीन उत्तर सुन कर प्रसन्न हुआ। फिर उस ने सम्मानपूर्वक पत्नी का हाथ चूम कर कहा, पर तुम इतनी दूर पैदल चलने में बहुत थक गई होगी। हम लोग चल कर बारहदरी में बैठें और कुछ जलपान करें।",
"output": "shahzadi ne bhi waisi hi shaleenta dikhaate hue kaha, i mere sirtaj, vaise to main ladki hone ke kaaran vivaah main apane pita kii ichha kii paband hoon or ve jise meraa pati banaate use main prasantaapurvak sweekaar kar leti. kintu ab aap ko dekh kar apana bhagya saraahti hoon ki mere pita ne mere liye kitna acha var talash kiya he. alladin yah shaleen uttar sun kar prasann hua. phir us ne sammanpurvak patni kaa haath chuum kar kaha, par tum itani dur paidal chalane main bahut thak gai hogi. ham log chal kar barahdari main baithen or kuch jalpan karen."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246340,
"input": "बारहदरी में इतनी जबर्दस्त सजावट थी कि आँखें चौंधियाई जाती थीं। सैकड़ों मोमबत्तियों की रोशनी में सारी छत और दीवारें, परदे आदि जगमगा रहे थे। रेशमी दस्तरख्वानों पर बीसियों सोने-चाँदी की तशतरियाँ रखी थीं जिनमें भाँति-भाँति के स्वादिष्ट व्यंजन थे। लाखों रुपए का सामान अकेली उस बारहदरी में लगा था। शहजादी कहने लगी, मैं तो समझती थी कि मेरे पिता के महल से ज्यादा शानदार और कोई जगह न होगी किंतु इस महल के आगे तो वह कुछ भी नहीं है।",
"output": "barahdari main itani jabardast sajaavat thi ki ankhen chaundhian jaati thim. saikadon mombattiyon kii roshni main sari chat or deevaaren, parade aadi jagamaga rahe the. reshmi dastarkhwaanon par bisiyon sone-chaandi kii tashatariyaan rakhi thim jinamein bhanti-bhanti ke swaadisht vyanjan the. lakhon rupye kaa saamaan akeli us barahdari main laga tha. shahzadi kehane lagi, main to samajhati thi ki mere pita ke mahal se zyada shandaar or koi jagah na hogi kintu is mahal ke aage to vah kuch bhi nahin he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246341,
"input": "अलादीन, शहजादी और अलादीन की माँ भोजन करने बैठे तो गायिकाओं ने सुंदर साजों पर मधुर गायन आरंभ किया। शहजादी फिर कहने लगी कि मैं ने जीवन में कभी ऐसा मोहक गायन नहीं सुना। उस बेचारी को क्या पता था कि यह गानेवालियाँ खुद परियाँ हैं जिन्हें चिराग का जिन्न लाया है। शहजादी या किसी को भी सिवा अलादीन और उस की माँ के चिराग का भेद भी ज्ञान नहीं था।",
"output": "alladin, shahzadi or alladin kii maan bhojan karne baithe to gayikaon ne sundar saajon par madhur gayan aarambh kiya. shahzadi phir kehane lagi ki main ne jivan main kabhi aisa mohak gayan nahin suna. us bechaari ko kya pataa tha ki yah gaanevaaliyaan khud pariyaan hai jinhen chiraag kaa jinn laayaa he. shahzadi yaa kisi ko bhi sivaa alladin or us kii maan ke chiraag kaa bhed bhi gyaan nahin tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246342,
"input": "फिर दासियों ने खाने के बरतन उठा दिए और नर्तकियों का एक समूह आया। उस ने तरह-तरह के नृत्य और नाटक उपस्थित किए। जब आधी रात हो गई तो शहजादी और अलादीन भी नाचे क्योंकि चीन में यही रिवाज था कि शादी की पहली रात को दूल्हा-दुल्हन भी नाचते थे। फिर अलादीन और शहजादी अपने शयन कक्ष में गए। रात भर अलादीन आराम से सोया। दूसरे दिन सवेरे दासियाँ उसे पहनाने के लिए नए कपड़े लाईं। यह वस्त्र उसी तरह के थे जैसे पहले दिन के कपड़े थे यद्यपि वे उनसे रंग में किंचित भिन्न थे। सोने-चाँदी की जरदोजी का काम इन पर भी वैसा ही था। इस के बाद उस की सवारी के लिए एक घोड़ा लाया गया जो पिछले दिनवाले घोड़े से भिन्न था किंतु तेजी में उसी तरह का था।",
"output": "phir daasiyon ne khaane ke baratan uthaa die or nartkiyon kaa ek samooh aayaa. us ne tarah-tarah ke nrity or naatak upasthit kiye. jab aadhi raat ho gai to shahzadi or alladin bhi naache kyonki china main yahi rivaaj tha ki shaadi kii pehali raat ko duulhaa-dulhan bhi naachte the. phir alladin or shahzadi apane shayan kaksh main gaye. raat bhar alladin aaraam se soya. duusare din savere dasiyaan use pehanaane ke liye nae kapade laayi. yah vastra usee tarah ke the jaise pehle din ke kapade the yadhyapi ve unase rang main kinchit bhinn the. sone-chaandi kii jardoji kaa kaam in par bhi vaisaa hi tha. is ke baad us kii sawari ke liye ek ghoda laayaa gaya jo pichley dinvaale ghode se bhinn tha kintu teji main usee tarah kaa tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246343,
"input": "अलादीन घोड़े पर सवार हो कर बिजली जैसी तेजी से राजमहल पहुँचा। उस के साथ दासों का एक दल भी था। बादशाह ने पिछले दिन की भाँति ही उस से सम्मान के साथ भेंट की और अपने साथ ही तख्त पर बिठाया। कुछ देर दरबार में रहने के बाद जहाँ उस ने कई मुकदमों में अलादीन से सलाह ली, वह दरबार खत्म करके महल में आया और अलादीन को भी हाथ पकड़ कर अपने साथ लाया।",
"output": "alladin ghode par savaar ho kar bijli jaisi teji se rajmahal pahunchaa. us ke saath daason kaa ek dal bhi tha. badshaah ne pichley din kii bhanti hi us se sammaan ke saath bhent kii or apane saath hi takht par bithaaya. kuch der darbar main rahane ke baad jahaan us ne kai mukademon main alladin se salaah lee, vah darbar khatm karke mahal main aayaa or alladin ko bhi haath pakad kar apane saath laayaa."
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{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246344,
"input": "अपने विश्राम कक्ष में बैठने के बाद उस ने आज्ञा दी कि भोजन प्रस्तुत किया जाए। अलादीन ने निवेदन किया, आज इस दास को यहाँ न खिलाइए बल्कि इसी के घर में रूखा-सूखा भोजन ग्रहण करके इसे अनुग्रहीत कीजिए। बादशाह ने यह निमंत्रण स्वीकार किया। वह दाईं ओर अलादीन, बाईं ओर मंत्री और पीछे दरबारियों को ले कर आया। सभी ने अलादीन के नए महल के प्रत्येक भाग को देखा। हर एक कक्ष को देख कर उन सभी को बड़ा आश्चर्य होता था। अंत में अलादीन सभी को बारहदरी में ले गया। बादशाह ने वहाँ बैठ कर मंत्री से कहा कि मेरे खयाल में दुनिया भर में इतना शानदार महल कोई नहीं होगा। मंत्री ने कहा, पृथ्वीपालक, परसों तक इस महल का कहीं नामोनिशान नहीं था, कल सुबह ही यह दिखाई दिया है। मैं ने ही आप को सब से पहले इस के तैयार होने की सूचना दी थी। बादशाह ने कहा, यह सच है। तुम्हीं ने मुझे इस के बारे में बताया था और मुझे यह बात भूली नहीं है। लेकिन मैं यह नहीं समझता था कि इतना सुंदर महल अलादीन ने बनवाया होगा। हम लोग जहाँ संगमरमर की दीवारों और छतों को बहुत समझते हैं वहाँ यहाँ सोने और चाँदी की ईटों का प्रयोग हुआ है। हम लोग जहाँ लोहे और पीतल से दरवाजों को सजाते हैं वहाँ इन दरवाजों में जवाहरात लगे हैं। यहाँ के तो ठाठ ही निराले हैं।",
"output": "apane vishram kaksh main baithne ke baad us ne ajna di ki bhojan prastut kiya jaae. alladin ne nivedan kiya, aaj is das ko yahan na khilaaiye balki isi ke ghar main ruukhaa-sookhaa bhojan grahan karke ise anugrahit kiijie. badshaah ne yah nimantran sweekaar kiya. vah dayee ore alladin, bain ore mantri or peeche darbariyon ko le kar aayaa. sabhi ne alladin ke nae mahal ke prayek bhaag ko dekha. har ek kaksh ko dekh kar un sabhi ko bada aashcharya hota tha. ant main alladin sabhi ko barahdari main le gaya. badshaah ne vahaan baith kar mantri se kaha ki mere khyal main duniya bhar main itnaa shandaar mahal koi nahin hoga. mantri ne kaha, prithvipalak, parason tak is mahal kaa kahin namonishaan nahin tha, kal subah hi yah dikhaai diya he. main ne hi aap ko sab se pehle is ke taiyaar hone kii soochna di thi. badshaah ne kaha, yah sach he. tumhiin ne mujhe is ke bare main bataaya tha or mujhe yah baat bhuuli nahin he. lekin main yah nahin samajhataa tha ki itnaa sundar mahal alladin ne banwaaya hoga. ham log jahaan sangemarmar kii deevaaron or chhaton ko bahut samajhate hai vahaan yahan sone or chaandi kii iton kaa prayog hua he. ham log jahaan lohe or pital se daravaajon ko sajaate hai vahaan in daravaajon main jawaharaat lage hai. yahan ke to thaath hi niraale hai."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246345,
"input": "बादशाह उत्सुकतावश बारहदरी के दरवाजों को घूम-घूम कर गौर से देखने लगा। फिर उस ने आश्चर्यान्वित हो कर मंत्री से कहा, इस बारहदरी के तेईस दरवाजों में तो बहुमूल्य रत्न ऊपर से नीचे तक जड़े हैं किंतु एक दरवाजा बिल्कुल सादा रह गया। शायद अलादीन को इसमें रत्न जड़वाने का समय नहीं मिला। यह भी संभव है कि उस के पास के जवाहरात खत्म हो गए हों और यह दरवाजा छूट गया हो। खैर, कोई बात नहीं है। बाद में वह फुरसत से इस दरवाजे पर भी रत्न जड़वा देगा।",
"output": "badshaah utsukathavash barahdari ke daravaajon ko gum-gum kar gaur se dekhne laga. phir us ne aashcharyanvit ho kar mantri se kaha, is barahdari ke taees daravaajon main to bahumoolya ratna upar se neeche tak jade hai kintu ek darwaja bilkul sada rah gaya. shaayad alladin ko isamen ratna jadwane kaa samay nahin mila. yah bhi sambhav he ki us ke paas ke jawaharaat khatm ho gaye hon or yah darwaja chhot gaya ho. khayr, koi baat nahin he. baad main vah fursat se is daravaaje par bhi ratna jadwa degaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246346,
"input": "उस समय अलादीन किसी काम से गया था। उस के आने पर बादशाह ने पूछा कि एक दरवाजा बगैर रत्नों के कैसे रह गया। अलादीन ने कहा, इस के सादा रहने का कोई कारण नहीं था, किसी तरह यूँ ही सादा रह गया। अब आप की कृपा होगी तो इसमें भी जवाहरात जड़ जाएँगे।",
"output": "us samay alladin kisi kaam se gaya tha. us ke aane par badshaah ne poocha ki ek darwaja bagaiyr ratnon ke kaise rah gaya. alladin ne kaha, is ke sada rahane kaa koi kaaran nahin tha, kisi tarah yun hi sada rah gaya. ab aap kii krupa hogi to isamen bhi jawaharaat jad jaayenge."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246347,
"input": "बादशाह ने कहा, तुम्हारी इच्छा हैं तो ऐसा ही होगा। मैं इसे रत्नजटित करवा दूँगा। यह कह कर उस ने नगर के सारे जौहरियों को बुलाया। इधर अलादीन बादशाह को भोजन कक्ष में ले गया जहाँ शहजादी भी अपने पिता से मिली। वह बहुत प्रसन्नवदन दिखाई दे रही थी। वहीं जमीन पर बहुमूल्य दस्तरख्वान बिछे थे और रत्नजटित स्वर्ण पात्रों में नाना प्रकार का भोजन परोसा रखा था। एक जगह शहजादी और बादशाह के साथ अलादीन और दूसरी जगह मंत्री और दरबारी बैठ कर भोजन करने लगे। भोजन करने के बाद बादशाह ने व्यंजनों की प्रशंसा की और कहा कि यद्यपि मेरा बावर्चीखाना बहुत अच्छा है किंतु मैं ने भी ऐसे स्वादिष्ट व्यंजन नहीं खाए।",
"output": "badshaah ne kaha, tumhaari ichha hai to aisa hi hoga. main ise ratnajtit karvaa doongaa. yah kah kar us ne nagar ke saare johariyon ko bulaayaa. idhar alladin badshaah ko bhojan kaksh main le gaya jahaan shahzadi bhi apane pita se mili. vah bahut prasannavadan dikhaai de rahi thi. vahiin jameen par bahumoolya dastarkhwaan bichhe the or ratnajtit swarna paatro main naanaa prakaar kaa bhojan parosa rakhaa tha. ek jagah shahzadi or badshaah ke saath alladin or duusari jagah mantri or darbari baith kar bhojan karne lage. bhojan karne ke baad badshaah ne vyanjanon kii prashansa kii or kaha ki yadhyapi meraa bawarchikhana bahut acha he kintu main ne bhi aise swaadisht vyanjan nahin khaae."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246348,
"input": "कुछ देर में मंत्री ने बादशाह से कहा कि आप ने जिन जौहरियों को बुलाया था वे सब आ गए हैं। बादशाह ने उन्हें बुला कर कहा, इन तेईस दरवाजों के रत्नों की बनावट और सज्जा तुम भली-भाँति देख लो। तुम लोगों को चौबीसवाँ दरवाजा भी ऐसा ही जड़ाऊ बनाना है। उन लोगों ने अच्छी तरह देख-भाल कर कहा, हम रत्न जड़ तो सकते हैं किंतु हमारे पास ऐसे मूल्यवान रत्न नहीं है। बादशाह ने कहा, इसकी चिंता न करो। शाही खजाने से जितने जवाहरात चाहो ले लेना। मंत्री ने भी अपनी वफादारी दिखाने के लिए कहा, मैं अपने पास से सारे रत्न दे दूँगा। किंतु दरवाजा ठीक वैसा ही बनना चाहिए जैसे अन्य दरवाजे हैं।",
"output": "kuch der main mantri ne badshaah se kaha ki aap ne jin johariyon ko bulaayaa tha ve sab aa gaye hai. badshaah ne unhen bula kar kaha, in taees daravaajon ke ratnon kii banaavat or sajja tum bhalee-bhanti dekh lo. tum logon ko choubeesvaan darwaja bhi aisa hi jadaau bananaa he. un logon ne acchhee tarah dekh-bhaal kar kaha, ham ratna jad to sakate hai kintu hamaare paas aise moolyawaan ratna nahin he. badshaah ne kaha, isaki chintaa na karo. shahi khajaane se jitne jawaharaat chaaho le lenaa. mantri ne bhi apni vafadari dikhaane ke liye kaha, main apane paas se saare ratna de doongaa. kintu darwaja thik vaisaa hi bananaa chahie jaise anya daravaaje hai."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246349,
"input": "बादशाह अपने महल में गया। उस ने और मंत्री ने सारे रत्न, जिनमें अलादीन की माँ द्वारा भेंट किए हुए रत्न भी थे, जौहरियों के हवाले कर दिए। उन्होंने अपने कारीगर लगवा कर बारहदरी के खाली दरवाजे पर अन्य दरवाजों के नमूने पर रत्न जड़वाए। एक महीने के काम के बाद देखा गया कि बादशाह और मंत्री के दिए हुए सारे रत्न खत्म हो गए लेकिन दरवाजा पूरा फिर भी न भरा। वे लोग परेशान होने लगे कि बादशाह से जा कर क्या कहेंगे। उस समय अलादीन ने उन से कहा, तुम लोगों ने भरसक प्रयत्न किया। अब तुम यह जड़े हुए रत्न उखाड़ कर बादशाह और मंत्री के पास वापस पहुँचा दो। दरवाजे की फिक्र न करो, वह जड़ जाएगा।",
"output": "badshaah apane mahal main gaya. us ne or mantri ne saare ratna, jinamein alladin kii maan dwaara bhent kiye hue ratna bhi the, johariyon ke hawaale kar die. unhone apane karigar lagava kar barahdari ke khaali daravaaje par anya daravaajon ke namoonay par ratna jadwaaye. ek maheene ke kaam ke baad dekha gaya ki badshaah or mantri ke die hue saare ratna khatm ho gaye lekin darwaja puraa phir bhi na bharaa. ve log pareshaan hone lage ki badshaah se ja kar kya kahenge. us samay alladin ne un se kaha, tum logon ne bharsak praytn kiya. ab tum yah jade hue ratna ukhaad kar badshaah or mantri ke paas waapas pahunchaa do. daravaaje kii phikr na karo, vah jad jayega."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246350,
"input": "वे लोग रत्न उखाड़ कर ले गए तो अलादीन ने अकेले में फिर चिराग को रगड़ा और जिन्न के आने पर कहा, अब तुम इस दरवाजे को भी दूसरे दरवाजे की तरह बना दो। जिन्न गायब हो गया। अलादीन भी कहीं चला गया। दो क्षण बाद उस ने आ कर देखा कि सादा दरवाजा भी दूसरे दरवाजों की तरह बन गया है। उस ने दास भेज कर सारे जौहरियों को वापस बुलाया और दरवाजा दिखा कर कहा, रत्नों को वापस करते समय यह भी कह देना कि अलादीन ने सादा दरवाजा भी रत्नजटित करवा दिया है। सारे जौहरियों को इस बात पर घोर आश्चर्य हुआ लेकिन वे चुपचाप चले गए।",
"output": "ve log ratna ukhaad kar le gaye to alladin ne akele main phir chiraag ko ragada or jinn ke aane par kaha, ab tum is daravaaje ko bhi duusare daravaaje kii tarah bana do. jinn gaayab ho gaya. alladin bhi kahin chalaa gaya. do kshan baad us ne aa kar dekha ki sada darwaja bhi duusare daravaajon kii tarah ban gaya he. us ne das bhej kar saare johariyon ko waapas bulaayaa or darwaja dikhaa kar kaha, ratnon ko waapas karte samay yah bhi kah dena ki alladin ne sada darwaja bhi ratnajtit karvaa diya he. saare johariyon ko is baat par ghor aashcharya hua lekin ve chupchaap chale gaye."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246351,
"input": "उन्होंने जा कर बादशाह और मंत्री को रत्न वापस किए और अलादीन का दिया हुआ संदेश भी देना चाहा किंतु बादशाह उन की बात सुने बगैर फिर मंत्री को ले कर अलादीन के महल में आ गया और उसे स्वागत-सत्कार का अवसर दिए बगैर बारहदरी में चला गया। वह अलादीन से कहने लगा, बेटे, मैं सिर्फ यह पूछने के लिए यहाँ आया हूँ कि तुमने उस दरवाजे की जड़ाई क्यों रोक दी और मेरे और मंत्री के रत्न क्यों वापस कर दिए। उस ने कहा, मैं ने खुद ही दरवाजा जड़वा लिया, आप देख लें।",
"output": "unhone ja kar badshaah or mantri ko ratna waapas kiye or alladin kaa diya hua sandesh bhi dena chaha kintu badshaah un kii baat sune bagaiyr phir mantri ko le kar alladin ke mahal main aa gaya or use swaagat-satkar kaa avasar die bagaiyr barahdari main chalaa gaya. vah alladin se kehane laga, bete, main sirf yah poochne ke liye yahan aayaa hoon ki tumne us daravaaje kii jadaai kyon roak di or mere or mantri ke ratna kyon waapas kar die. us ne kaha, main ne khud hi darwaja jadwa liya, aap dekh len."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246352,
"input": "बादशाह ने जा कर देखा तो पहचान ही न सका कि कौन-सा दरवाजा था जिसकी नई जड़ाई हुई है। वह यह देख कर बहुत खुश हुआ। वह कहने लगा, बेटे, तुम जैसा कोई आदमी नहीं हो सकता। तुम हमेशा ऐसे काम करते हो जो मनुष्य की सामर्थ्य के बाहर हैं। तुम वाकई हर बात में कमाल करते हो। अलादीन ने विनयपूर्वक सिर झुका कर कहा, यह सब आप की महत्ता और आप का मुझ पर अनुग्रह है जो यह प्रशंसा कर रहे हैं वरना मैं तो किसी योग्य भी नहीं हूँ। इस के बाद बादशाह अपने महल में चला गया। वहाँ उस ने मंत्री से अलादीन के महल की प्रशंसा की। मंत्री ने कहा कि मुझे तो यह सब जादू लगता है। बादशाह ने हँस कर कहा, तुम्हें अब भी अलादीन से इसलिए जलन है कि तुम्हारे बेटे के बजाय उसे दामाद बना लिया। वह कसक तुम्हारे दिल से नहीं गई इसीलिए तुम अलादीन की प्रशंसा नहीं सुन सकते। मंत्री यह सोच कर चुप हो रहा कि बादशाह मूर्ख है और धोखे ही में रहना चाहता है। बादशाह रोज अपने महल की छत पर खड़ा हो कर अलादीन के महल को देखता और मन ही मन उस की प्रशंसा किया करता।",
"output": "badshaah ne ja kar dekha to pahchaan hi na sakaa ki koun-sa darwaja tha jisaki nai jadaai hui he. vah yah dekh kar bahut khush hua. vah kehane laga, bete, tum jaisaa koi aadmi nahin ho saktaa. tum hameshaa aise kaam karte ho jo manushya kii samarthy ke baahar hai. tum vaaki har baat main kamaal karte ho. alladin ne vinayapurvak sir jhukaa kar kaha, yah sab aap kii mahatta or aap kaa mujh par anugrah he jo yah prashansa kar rahe hai varanaa main to kisi yogya bhi nahin hoon. is ke baad badshaah apane mahal main chalaa gaya. vahaan us ne mantri se alladin ke mahal kii prashansa kii. mantri ne kaha ki mujhe to yah sab jaadu lagata he. badshaah ne hans kar kaha, tumhen ab bhi alladin se isliye jalan he ki tumhaare bete ke bajaay use damaad bana liya. vah kasak tumhaare dil se nahin gai isiilie tum alladin kii prashansa nahin sun sakate. mantri yah soch kar chup ho rahaa ki badshaah murkh he or dhokhe hi main rahanaa chahta he. badshaah roj apane mahal kii chat par khadaa ho kar alladin ke mahal ko dekhtaa or man hi man us kii prashansa kiya karata."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246353,
"input": "अलादीन शौकीन भी था और दिल का अच्छा भी। वह सप्ताह में एक दिन बाजार में सवार हो कर निकलता, कभी मसजिद में सबके साथ नमाज पढ़ने जाता, कभी मंत्री और अन्य अमीरों-सरदारों के घर उनसे मिलने जाता और अपने घर पर भी उनकी दावतें करता। उस ने दासों को यह काम सौंप रखा था कि जब उस की सवारी निकले तो दोनों ओर फकीरों और निर्धनों के लिए अशर्फियाँ लुटाते चलें। इस कारण जब वह सवार हो कर निकला तो रास्ते में भीड़ हो जाती और लोग उस की शान-शौकत और उदारता की प्रशंसा करते। जो भिखमंगे और निर्धन उस के घर पर जा कर सहायता प्राप्त करने में असमर्थ होते उन्हें भी वह इस प्रकार मदद देता। इस के अलावा हर हफ्ते वह एक बार शिकार के लिए भी जाता था। कभी तो नगर के पास ही शिकार खेल कर वापस चला आता था और कभी जंगल में इतनी दूर निकल जाता कि दो-चार दिन बाद आता।",
"output": "alladin shaukeen bhi tha or dil kaa acha bhi. vah saptaah main ek din bazaar main savaar ho kar nikalataa, kabhi masajid main sabake saath namaaj padhane jaataa, kabhi mantri or anya amiron-saradaaron ke ghar unase milane jaataa or apane ghar par bhi unki daavatein karata. us ne daason ko yah kaam saunp rakhaa tha ki jab us kii sawari nikle to donon ore fakiron or nirdhanon ke liye asharfiyan lutaate chalem. is kaaran jab vah savaar ho kar niklaa to raste main bheed ho jaati or log us kii shaan-shaukat or udaartaa kii prashansa karte. jo bhikhmange or nirdhan us ke ghar par ja kar sahaayta praapt karne main asamarth hote unhen bhi vah is prakaar madad detaa. is ke alaava har hafte vah ek baar shikaar ke liye bhi jaataa tha. kabhi to nagar ke paas hi shikaar khel kar waapas chalaa aata tha or kabhi jangal main itani dur nikal jaataa ki do-chaar din baad aata."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246354,
"input": "उस ने अपनी दानशीलता के कारण नगर में किसी को निर्धन न रहने दिया था। इस उदारता के कारण जनसाधारण उसे बहुत प्यार करने लगे थे। यहाँ तक कि उस के सिर की कसम खानेवाले पर भी तुरंत विश्वास कर लिया जाता। साथ ही वह बादशाह को भी प्रसन्न रखता था। वह उसे अपने पराक्रम से भी प्रभावित करना चाहता था। उसे जल्दी ही इसका अवसर मिल गया। बादशाह ने यह इरादा किया कि अपने एक पुराने वैरी बादशाह पर हमला करके उस का राज्य ले ले।",
"output": "us ne apni daansheeltaa ke kaaran nagar main kisi ko nirdhan na rahane diya tha. is udaartaa ke kaaran jansadharan use bahut pyaar karne lage the. yahan tak ki us ke sir kii kasam khaanevaale par bhi turant vishwaas kar liya jaataa. saath hi vah badshaah ko bhi prasann rakhata tha. vah use apane parakram se bhi prabhavit karnaa chahta tha. use jaldi hi iskaa avasar mil gaya. badshaah ne yah iraadaa kiya ki apane ek puraane bairee badshaah par hamalaa karke us kaa rajya le le."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246355,
"input": "इसलिए उस ने बड़ी फौज जमा की। अलादीन ने कहा, इतनी अधिक सेना की क्या जरूरत है। मुझे आज्ञा दें तो मैं थोड़ी-सी ही सेना ले कर वैरी को खत्म कर दूँ। बादशाह ने अनुमति दे दी और अलादीन ने युद्ध कौशल से थोड़ी-सी सेना के बल पर ही दुश्मन को हरा दिया। बादशाह इस विजय का समाचार सुन कर बहुत प्रसन्न हुआ, उस की शक्ति बहुत बढ़ गई। अलादीन का भी दूर-दूर तक नाम हुआ। अलादीन इसी प्रकार कई वर्ष तक सम्मानपूर्वक रहा।",
"output": "isliye us ne badi fouj jamaa kii. alladin ne kaha, itani adhik sena kii kya jarurat he. mujhe ajna den to main thodi-si hi sena le kar bairee ko khatm kar don. badshaah ne anumati de di or alladin ne yuddh kaushal se thodi-si sena ke bal par hi dushman ko haraa diya. badshaah is vijay kaa samachar sun kar bahut prasann hua, us kii shakti bahut bad gai. alladin kaa bhi dur-dur tak naam hua. alladin isi prakaar kai varsh tak sammanpurvak rahaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246356,
"input": "जिस जादूगर ने अलादीन को गढ़ेवाली गुफा में बंद किया था उसे विश्वास था कि अलादीन वहीं मर-खप गया होगा। फिर भी एक दिन उसे बैठे-बैठे खयाल आया कि देखें तो उस का क्या हाल है।",
"output": "jis jaadugar ne alladin ko gadhevali gupha main band kiya tha use vishwaas tha ki alladin vahiin mar-khap gaya hoga. phir bhi ek din use baithe-baithe khyal aayaa ki dekhen to us kaa kya haal he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246357,
"input": "उस ने अपने दालान में बैठ कर संदूकचे से रमल की पुस्तकें और यंत्र निकाले और कई घंटों तक विचार करता रहा कि अलादीन का क्या हाल है। उसे यह देख कर आश्चर्य हुआ कि बार-बार रमल फेंकने पर भी यही मालूम हुआ कि अलादीन अत्यंत धनवान हो गया है और उस का विवाह चीन की राजकुमारी से हो गया है। इस बात को जान कर उस के हृदय में ईर्ष्या की लपटें उठने लगीं। उस का चेहरा लाल हो गया ओर आँखों से जैसे खून टपकने लगा। वह सोचता रहा कि भाग्य की विडंबना देखो कि सारी मेहनत मैं ने की और उस का फल भोग रहा है वह आवारा दरजी का बेटा।",
"output": "us ne apane dalan main baith kar sandukche se ramal kii pustaken or yantra nikaale or kai ghanton tak vichaar karata rahaa ki alladin kaa kya haal he. use yah dekh kar aashcharya hua ki baar-baar ramal phenkane par bhi yahi maaloom hua ki alladin atyant dhanwaan ho gaya he or us kaa vivaah china kii rajkumaari se ho gaya he. is baat ko jaan kar us ke hriday main irshyaa kii lapten uthne lageen. us kaa cheharaa laal ho gaya ore aankhon se jaise khun tapakane laga. vah sochataa rahaa ki bhagya kii vidambnaa dekho ki sari mehnat main ne kii or us kaa fal bhoga rahaa he vah aawaara darji kaa betaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246358,
"input": "उस ने कई दिनों तक इस बात पर विचार किया और अंत में इस नतीजे पर पहुँचा कि घर में पड़े-पड़े पछताने से कोई लाभ नहीं हैं, एक बार फिर चीन की यात्रा करनी चाहिए। किसी तरह अलादीन से वह जादू का चिराग लेना चाहिए जिस से वह इतना अमीर बना है कि शहजादी को ब्याह सके। उस ने यह भी सोचा कि अगर संभव हो तो अलादीन को मार भी डालना चाहिए। अजीब बात यह थी कि अलादीन को जादू का छल्ला देने के बाद वह उस के बारे में भूल ही गया था। अलादीन को भी उस की याद न रही थी। दोनों चिराग से अभिभूत थे।",
"output": "us ne kai dinon tak is baat par vichaar kiya or ant main is nattejey par pahunchaa ki ghar main pade-pade pachhataane se koi laabh nahin hai, ek baar phir china kii yatra kerani chahie. kisi tarah alladin se vah jaadu kaa chiraag lenaa chahie jis se vah itnaa amir bana he ki shahzadi ko byaah sake. us ne yah bhi sochaa ki agar sambhav ho to alladin ko maar bhi daalana chahie. ajeeb baat yah thi ki alladin ko jaadu kaa challa dene ke baad vah us ke bare main bhul hi gaya tha. alladin ko bhi us kii yaad na rahi thi. donon chiraag se abhibhoot the."
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{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246359,
"input": "जादूगर घोड़े पर बैठ कर चीन को चल पड़ा। उस ने रातों को सरायों में सोने के अलावा कहीं दम न लिया और कुछ महीनों में चीन जा कर अलादीन के नगर में, जो राजधानी थी, पहुँच गया। उस ने एक सराय में कमरा किराए पर लिया और नगर में घूम कर अलादीन के बारे में पता लगाने लगा। एक दिन बहुत-से लोग अलादीन के विचित्र महल की बातें कर रहे थे। उस ने पूछा, यह अलादीन कौन है? लोगों ने कहा, तुम विदेशी हो इसीलिए उसे नहीं जानते। वह बड़ा ही अमीर है, बादशाह का दामाद है और उस का महल शाही महल से कहीं बढ़ कर शानदार है। हम लोग बताएँगे तो तुम्हें विश्वास नहीं होगा, अपनी आँखों से उस का महल देखोगे तो विश्वास होगा।",
"output": "jaadugar ghode par baith kar china ko chal padaa. us ne raaton ko saraayon main sone ke alaava kahin dam na liya or kuch maheenon main china ja kar alladin ke nagar main, jo rajdhani thi, pahunch gaya. us ne ek sarai main cameraa kiraye par liya or nagar main gum kar alladin ke bare main pataa lagane laga. ek din bahut-se log alladin ke vicitra mahal kii baaten kar rahe the. us ne poocha, yah alladin koun he? logon ne kaha, tum videshi ho isiilie use nahin jaanate. vah bada hi amir he, badshaah kaa damaad he or us kaa mahal shahi mahal se kahin bad kar shandaar he. ham log bataayenge to tumhen vishwaas nahin hoga, apni aankhon se us kaa mahal dekhoge to vishwaas hoga."
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"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246360,
"input": "जादूगर ने कहा, मैं वास्तव में परदेशी हूँ। मैं अफ्रीका का रहनेवाला हूँ। कल ही यहाँ आया हूँ। आप लोग कृपा करके बताएँ कि अलादीन का विचित्र महल कहाँ पर है तो मैं भी उसे देखूँ। लोगों ने उसे अलादीन के महल का पता बता दिया। उस जादूगर ने जा कर महल को चारों ओर से भली प्रकार से देखा। उसे निश्चय हो गगा कि उसी चिराग के बल पर अलादीन ने यह महल बनवाया है क्योंकि चिराग का जिन्न हर बात कर सकता है। वह सराय में वापस आ कर अपना कमरा बंद करके फिर रमल की पुस्तकें खोल कर बैठ गया और विचार करने लगा कि इस समय वह चिराग कहाँ है। उसे मालूम हुआ कि चिराग किसी आदमी के पास नहीं है बल्कि उसी महल के एक कमरे में रखा हुआ है। साथ ही उसे यह भी मालूम हुआ कि अलादीन इस समय महल में नहीं है और कई दिनों तक महल में नहीं आएगा। वह यह सब जान कर बड़ा प्रसन्न हुआ क्योंकि अलादीन की अनुपस्थिति में वह आसानी से धूर्ततापूर्वक चिराग को हथिया सकता था और चिराग हाथ में आने के बाद उसे अलादीन या किसी और की क्या चिंता थी।",
"output": "jaadugar ne kaha, main vastav main paradeshi hoon. main africa kaa rahanevaala hoon. kal hi yahan aayaa hoon. aap log krupa karke bataaen ki alladin kaa vicitra mahal kahan par he to main bhi use dekhun. logon ne use alladin ke mahal kaa pataa bataa diya. us jaadugar ne ja kar mahal ko chaaron ore se bhalee prakaar se dekha. use nishchay ho gaga ki usee chiraag ke bal par alladin ne yah mahal banwaaya he kyonki chiraag kaa jinn har baat kar saktaa he. vah sarai main waapas aa kar apana cameraa band karke phir ramal kii pustaken khol kar baith gaya or vichaar karne laga ki is samay vah chiraag kahan he. use maaloom hua ki chiraag kisi aadmi ke paas nahin he balki usee mahal ke ek kamare main rakhaa hua he. saath hi use yah bhi maaloom hua ki alladin is samay mahal main nahin he or kai dinon tak mahal main nahin aayega. vah yah sab jaan kar bada prasann hua kyonki alladin kii anupasthiti main vah aasaani se dhoorttapurvak chiraag ko hathiyaa saktaa tha or chiraag haath main aane ke baad use alladin yaa kisi or kii kya chintaa thi."
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"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246361,
"input": "अपनी पुस्तकें आदि बंद करके वह सराय के मालिक के पास गया और अलादीन के विचित्र महल की बड़ी प्रशंसा करने के बाद कहने लगा कि महल देख कर तो मैं बड़ा प्रसन्न हुआ, अब चाहता हूँ कि उस के मालिक को भी देखूँ। सरायवाले ने कहा, यह क्या मुश्किल है। वह हर हफ्ते सवार हो कर शहर में निकलता है। लेकिन अभी पाँच दिन तक न आएगा क्योंकि शिकार खेलने के लिए दूर के किसी जंगल में गया है। जादूगर के लिए इतनी सूचना काफी थी। वह कुछ देर तक सोचता रहा फिर एक ठठेरे की दुकान पर गया जहाँ धातु की वस्तुएँ बनती थीं। उस ने ठठेरे से कहा कि मुझे ताँबे के बारह सुंदर और बड़े चिराग चाहिए। ठठेरे ने कहा, आज तो नहीं हो सकता किंतु कल तुम्हें चिराग मिल जाएँगे। जादूगर ने कहा, कोई हर्ज नहीं। कल ही दे देना। लेकिन यह ध्यान रहे कि उन्हें खूब रगड़ कर देना ताकि वे चमचमाने लगें। दाम जो भी माँगोगे दे दूँगा। ठठेरे ने चिराग बनाना मंजूर कर लिया।",
"output": "apni pustaken aadi band karke vah sarai ke maalik ke paas gaya or alladin ke vicitra mahal kii badi prashansa karne ke baad kehane laga ki mahal dekh kar to main bada prasann hua, ab chahta hoon ki us ke maalik ko bhi dekhun. saraiwale ne kaha, yah kya mushkil he. vah har hafte savaar ho kar shahar main nikalataa he. lekin abhi paanch din tak na aayega kyonki shikaar khilne ke liye dur ke kisi jangal main gaya he. jaadugar ke liye itani soochna kaaphi thi. vah kuch der tak sochataa rahaa phir ek thathere kii dukaan par gaya jahaan dhaatu kii vastuen banati thim. us ne thathere se kaha ki mujhe taanbe ke baarah sundar or bade chiraag chahie. thathere ne kaha, aaj to nahin ho saktaa kintu kal tumhen chiraag mil jaayenge. jaadugar ne kaha, koi harj nahin. kal hi de dena. lekin yah dhyaan rahe ki unhen khub ragad kar dena taaki ve chamachamane lagen. daam jo bhi maangoge de doongaa. thathere ne chiraag bananaa manjuur kar liya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246362,
"input": "दूसरे दिन जादूगर ने ठठेरे से बारह सुंदर चमचमाते हुए नए चिराग लिए और उन्हें एक खूबसूरत टोकरी में रख कर अलादीन के महल की ओर चला। जब पास पहुँचा तो ऊँची आवाज में हाँक लगाने लगा, पुराने दीपकों से बदल कर नए चिराग ले जाओ, पुराने दीपकों से बदल कर नए चिराग ले जाओ। गलियों में खेलनेवाले लड़के वहाँ जमा हो गए और पागल समझ कर हो-हल्ला करने लगे और मजाक में उसे अजीब नामों से पुकारने लगे। अधिक अवस्था के लोग भी उस की विचित्र हाँक को सुन कर हँसने लगे और कहने लगे कि यह आदमी पागल हो गया है जो उल्टा व्यापार कर रहा है।",
"output": "duusare din jaadugar ne thathere se baarah sundar chamchamaate hue nae chiraag liye or unhen ek khubasurat tokari main rakh kar alladin ke mahal kii ore chalaa. jab paas pahunchaa to unchi aawaaj main haak lagane laga, puraane dipakon se badal kar nae chiraag le jaao, puraane dipakon se badal kar nae chiraag le jaao. galiyon main khelanevaale ladke vahaan jamaa ho gaye or pagal samaj kar ho-hallaa karne lage or majaak main use ajeeb naamon se pukaarane lage. adhik avasthaa ke log bhi us kii vicitra haak ko sun kar hansane lage or kehane lage ki yah aadmi pagal ho gaya he jo ulta vyapaar kar rahaa he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246363,
"input": "जादूगर ने न तो बड़ी उम्र के लोगों के हँसने की परवा की न लड़कों की भद्दी बातों का बुरा माना। वह बराबर यही आवाज लगाता रहा। पुराने दीपकों से बदल कर नए चिराग ले जाओ। उस समय बदर बदौर अपनी सुसज्जित बारहदरी में बैठी थी। उस ने जादूगर की आवाज सुनी लेकिन समझ न सकी कि वह क्या कह रहा है क्योंकि लड़के बहुत शोर कर रहे थे। इसलिए उस ने एक दासी से, जो उस के पिता के महल से उस के साथ आई थी, कहा कि बाहर जा कर देखो कि कैसा शोर हो रहा है। वह दासी थोड़ी देर बाद हँसती हुई वापस आई तो शहजादी ने कहा, क्यों दाँत निपोर रही है? बताती क्यों नहीं कि क्या बात है? दासी ने अपनी हँसी पर काबू पा कर कहा, मालकिन, एक अजीब पागल आदमी है। नए दीये लिए है। उन्हें बेचता नहीं बल्कि कहता है कि पुराने दीये दे कर नए ले जाओ।",
"output": "jaadugar ne na to badi umr ke logon ke hansane kii paravaa kii na ladakon kii bhaddi baton kaa bura mana. vah baraabar yahi aawaaj lagaataa rahaa. puraane dipakon se badal kar nae chiraag le jaao. us samay badar badaur apni susajjit barahdari main baithi thi. us ne jaadugar kii aawaaj suni lekin samaj na saki ki vah kya kah rahaa he kyonki ladke bahut shor kar rahe the. isliye us ne ek daasi se, jo us ke pita ke mahal se us ke saath ai thi, kaha ki baahar ja kar dekho ki kaisaa shor ho rahaa he. vah daasi thodi der baad hansati hui waapas ai to shahzadi ne kaha, kyon daant nipore rahi he? bataati kyon nahin ki kya baat he? daasi ne apni hansee par kaabo paa kar kaha, malkin, ek ajeeb pagal aadmi he. nae diye liye he. unhen bechata nahin balki kahata he ki puraane diye de kar nae le jaao."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246364,
"input": "शहजादी हँसने लगी। दासी ने कहा, एक मैला-कुचैला दीया मैं ने अंदर रखा देखा है। ऐसे शानदार महल में वह अच्छा नहीं लगता। आप कहें तो उसे बदल लाऊँ। यह वही जादू का चिराग था। उसे मैला तो होना ही था क्योंकि जरा-सी रगड़ से जिन्न आ जाता था। अलादीन को चाहिए था कि हमेशा अपने ही पास वह चिराग रखता किंतु विनाशकाले विपरीत बुद्धिः। फिर इतने दिनों के ऐश-आराम के बाद वह चिराग की रक्षा की ओर से बेपरवाह भी हो गया। उस ने बादशाह और बदर बदौर को उस के बारे में कुछ न बताया था क्योंकि जादू की बात से शायद उसे धोखेबाज समझा जाता। उस की माँ इस समय तक मर चुकी थी और इस समय अलादीन और जादूगर के अलावा कोई मनुष्य उस चिराग का रहस्य नहीं जानता था।",
"output": "shahzadi hansane lagi. daasi ne kaha, ek mailaa-kuchaila diya main ne andar rakhaa dekha he. aise shandaar mahal main vah acha nahin lagata. aap kahen to use badal laaun. yah vahi jaadu kaa chiraag tha. use mailaa to hona hi tha kyonki jaraa-si ragad se jinn aa jaataa tha. alladin ko chahie tha ki hameshaa apane hi paas vah chiraag rakhata kintu vinaashkale vipareet buddhih. phir itane dinon ke aish-aaraam ke baad vah chiraag kii raksha kii ore se beparwaah bhi ho gaya. us ne badshaah or badar badaur ko us ke bare main kuch na bataaya tha kyonki jaadu kii baat se shaayad use dhokheybaaj samajha jaataa. us kii maan is samay tak mar chuki thi or is samay alladin or jaadugar ke alaava koi manushya us chiraag kaa rahasy nahin jaanata tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246365,
"input": "शहजादी को दासी की बात पसंद आई। उस ने एक दास से कहा, यह दासी जो चिराग बता रही है उसे ले जाओ ओर इस के बदले में नया चिराग ले आओ। वह दास जो चिराग को ले कर जादूगर के पास गया और बोला, यह पुराना दीया लो और नया दीया दे दो। जादूगर इसे देखते ही समझ गया कि यही उस का वांछित चिराग है। उस ने दास के हाथ से चिराग लिया और उस के आगे टोकरी दी कि इनमें से जो दीप कर चाहो छाँट कर ले जाओ। दास ने उस में से सब से अच्छा चिराग ले कर मालकिन को दे दिया। यह होने के बाद लड़कों ने फिर शोर करना शुरू कर दिया।",
"output": "shahzadi ko daasi kii baat pasand ai. us ne ek das se kaha, yah daasi jo chiraag bataa rahi he use le jaao ore is ke badale main nayaa chiraag le aao. vah das jo chiraag ko le kar jaadugar ke paas gaya or bolaa, yah purana diya lo or nayaa diya de do. jaadugar ise dekhte hi samaj gaya ki yahi us kaa vaanchit chiraag he. us ne das ke haath se chiraag liya or us ke aage tokari di ki inamen se jo deep kar chaaho chhant kar le jaao. das ne us main se sab se acha chiraag le kar malkin ko de diya. yah hone ke baad ladakon ne phir shor karnaa shuru kar diya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246366,
"input": "जादूगर आगे बढ़ा लेकिन अब उस ने आवाज लगाना बंद कर दिया था। अब लड़कों को भी उसे छेड़ने में मजा नहीं आ रहा था इसलिए वे भी इधर-उधर बिखर कर अपने खेलों में लग गए। जादूगर ने जब दोनों महलों के बीच का मैदान पार कर लिया और तंग और सुनसान गलियों में घुसा तो तेज-तेज चलने लगा। एक बिल्कुल निर्जन स्थान में उस ने टोकरी और सारे नए चिराग कूड़े में फेंक दिए और जादू के चिराग को निकाला। वह सराय में भी न गया क्योंकि वह रमल की सामग्री अपने साथ ले आया था और जादू का चिराग पाने के बाद उसे सराय में रखे सामान और घोड़े की क्या चिंता होनी थी। आधी रात तक वह उसी निर्जन स्थान में रहा फिर उस ने चिराग को रगड़ा। जिन्न ने प्रकट हो कर आदेश माँगा तो जादूगर ने कहा कि मुझे और अलादीन के पूरे के पूरे महल को उठा कर अफ्रीका में मेरे निवास स्थान पर पहुँचा दो। जिन्न ने तुरंत उस की आज्ञा का पालन किया और जादूगर के साथ अलादीन के महल को उस के अंदर के सभी लोगों के साथ अफ्रीका पहुँचा दिया।",
"output": "jaadugar aage badha lekin ab us ne aawaaj lagaana band kar diya tha. ab ladakon ko bhi use chhedane main majaa nahin aa rahaa tha isliye ve bhi idhar-udhar bikhar kar apane khelon main lag gaye. jaadugar ne jab donon mehalon ke bich kaa maidan paar kar liya or tang or sunsaan galiyon main ghusaa to tej-tej chalane laga. ek bilkul nirjan sthaan main us ne tokari or saare nae chiraag kooday main phenk die or jaadu ke chiraag ko nikaala. vah sarai main bhi na gaya kyonki vah ramal kii saamagree apane saath le aayaa tha or jaadu kaa chiraag paane ke baad use sarai main rakhe saamaan or ghode kii kya chintaa honi thi. aadhi raat tak vah usee nirjan sthaan main rahaa phir us ne chiraag ko ragada. jinn ne prakat ho kar aadesh maanga to jaadugar ne kaha ki mujhe or alladin ke puure ke puure mahal ko uthaa kar africa main mere nivas sthaan par pahunchaa do. jinn ne turant us kii ajna kaa paalan kiya or jaadugar ke saath alladin ke mahal ko us ke andar ke sabhi logon ke saath africa pahunchaa diya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246367,
"input": "बादशाह के बारे में पहले ही बताया जा चुका है कि वह रोजाना अपने महल की छत पर चढ़ कर अलादीन के महल को देखा करता था। दूसरे दिन वह हमेशा की तरह उस महल को देखने गया तो उसे साफ मैदान ही दिखाई दिया। उस ने अपनी आँखों को मला। उसे आश्चर्य हुआ कि सूरज साफ चमक रहा है, न बादल हैं न कुहरा, फिर भी अलादीन का महल क्यों नहीं दिखाई दे रहा है। उस ने चारों ओर आँखें फाड़-फाड़ कर देखा किंतु उसे महल नहीं दिखाई दिया। बादशाह को ऐसा मानसिक उद्वेग हुआ कि वह उस मैदान को जहाँ पर कल शाम तक वह महल खड़ा था देखता ही रहा, देखता ही रहा।",
"output": "badshaah ke bare main pehle hi bataaya ja chukaa he ki vah rojaanaa apane mahal kii chat par chadh kar alladin ke mahal ko dekha karata tha. duusare din vah hameshaa kii tarah us mahal ko dekhne gaya to use saaf maidan hi dikhaai diya. us ne apni aankhon ko mala. use aashcharya hua ki suraj saaf chamak rahaa he, na badal hai na kuhara, phir bhi alladin kaa mahal kyon nahin dikhaai de rahaa he. us ne chaaron ore ankhen faad-faad kar dekha kintu use mahal nahin dikhaai diya. badshaah ko aisa maansik udvaig hua ki vah us maidan ko jahaan par kal shaam tak vah mahal khadaa tha dekhtaa hi rahaa, dekhtaa hi rahaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246368,
"input": "वह सोच रहा था कि हो क्या गया और कैसे हो गया। इतना बड़ा और रत्नों और सोने-चाँदी से जगमगाता हुआ महल ऐसे नजर से गायब हो गया जैसे पहले कभी था ही नहीं। उस का जरा-सा भी निशान नहीं दिखाई देता। अगर वह जमीन में धँसा होता तो उसके कंगूरे तो भूमि से निकले दिखाई देते, और यदि किसी कारण गिर पड़ा होता तो उस के मलबे का ढेर दिखाई देता। किंतु यह विश्वास होने पर भी कि महल नहीं है उस ने किसी दास या कर्मचारी से कुछ न कहा क्योंकि बात इतनी अविश्वसनीय थी कि उसे अपना दृष्टि-भ्रम ही समझता था। बार-बार उधर देखने के बाद वह निराश हो कर विश्रांत कक्ष में चला गया।",
"output": "vah soch rahaa tha ki ho kya gaya or kaise ho gaya. itnaa bada or ratnon or sone-chaandi se jagamagaataa hua mahal aise najar se gaayab ho gaya jaise pehle kabhi tha hi nahin. us kaa jaraa-sa bhi nishaan nahin dikhaai detaa. agar vah jameen main dhansa hota to uske kangure to bhoomi se nikle dikhaai dete, or yadi kisi kaaran gir padaa hota to us ke malbe kaa dher dikhaai detaa. kintu yah vishwaas hone par bhi ki mahal nahin he us ne kisi das yaa karmchaaree se kuch na kaha kyonki baat itani avishwasaneey thi ki use apana drushti-bhram hi samajhataa tha. baar-baar udhar dekhne ke baad vah niraash ho kar vishrant kaksh main chalaa gaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246369,
"input": "वहाँ जा कर उस ने मंत्री को बुलाया। वह आया और कहने लगा, पृथ्वीनाथ, आज आप ने इस समय यहाँ क्यों बुलाया है? कोई विशेष बात है क्या? बादशाह ने कहा, इस से अद्भुत बात क्या होगी जो आज हुई है? तुमने मैदान की ओर भी देखा है? मंत्री बोला, आप ने आज बड़े सरदारों की विशेष सभा बुलाई थी, मैं तो सुबह से उसी के प्रबंध में लगा हूँ। मैं ने कुछ नहीं देखा। बादशाह ने कहा, तुम अभी महल की छत पर चढ़ो और देख कर बताओ कि अलादीन का महल दिखाई देता है या नहीं।",
"output": "vahaan ja kar us ne mantri ko bulaayaa. vah aayaa or kehane laga, prithvinath, aaj aap ne is samay yahan kyon bulaayaa he? koi vishesh baat he kya? badshaah ne kaha, is se adbhut baat kya hogi jo aaj hui he? tumne maidan kii ore bhi dekha he? mantri bolaa, aap ne aaj bade saradaaron kii vishesh sabha bulaai thi, main to subah se usee ke prabandh main laga hoon. main ne kuch nahin dekha. badshaah ne kaha, tum abhi mahal kii chat par chadho or dekh kar bataao ki alladin kaa mahal dikhaai detaa he yaa nahin."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246370,
"input": "मंत्री ने राजाज्ञा के अनुसार ऊपर जा कर देखा तो उसे भी चटियल मैदान के अलावा कुछ न दिखाई दिया। उस ने भी चारों ओर आँखें फाड़-फाड़ कर देखा और जब उसे विश्वास हो गया कि महल अदृश्य है तो नीचे उतर कर बादशाह के समीप आया। बादशाह ने पूछा कि तुम्हें अलादीन का महल दिखाई दिया या नहीं। मंत्री ने हाथ जोड़ कर कहा, स्वामी, इस सेवक ने पहले ही निवेदन किया था कि यह सब जादू के सिवा कुछ नहीं। आप ने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया।",
"output": "mantri ne rajagna ke anusaar upar ja kar dekha to use bhi chatial maidan ke alaava kuch na dikhaai diya. us ne bhi chaaron ore ankhen faad-faad kar dekha or jab use vishwaas ho gaya ki mahal adrishy he to neeche utar kar badshaah ke sameep aayaa. badshaah ne poocha ki tumhen alladin kaa mahal dikhaai diya yaa nahin. mantri ne haath jod kar kaha, swami, is sevak ne pehle hi nivedan kiya tha ki yah sab jaadu ke sivaa kuch nahin. aap ne meri baat par dhyaan nahin diya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246371,
"input": "बादशाह ने क्रोध में भर कर कहा, यह समय तुम्हारी बात को सच या झूठ साबित करने का नहीं है। मुझे बताओ कि वह बदमाश और मक्कार अलादीन कहाँ है। मैं उसे मृत्युदंड दूँगा। मंत्री ने कहा, सरकार, वह तीन-चार दिन पहले आप से छुट्टी ले कर एक सप्ताह के लिए शिकार खेलने को गया है। मैं अभी पता लगाता हूँ कि इस समय वह कहाँ है। बादशाह ने गरज कर कहा, तुम चुने हुए तीस बहादुर फौजी अफसरों को भेजो जो चारों तरफ नाकेबंदी भी कर लें। ऐसा न हो कि वह बदमाश कहीं छुप कर निकल जाए।",
"output": "badshaah ne krodh main bhar kar kaha, yah samay tumhaari baat ko sach yaa jhooth sabit karne kaa nahin he. mujhe bataao ki vah badmaash or makkaar alladin kahan he. main use mrityudand doongaa. mantri ne kaha, sarkaar, vah teen-chaar din pehle aap se chuttee le kar ek saptaah ke liye shikaar khilne ko gaya he. main abhi pataa lagaataa hoon ki is samay vah kahan he. badshaah ne garaj kar kaha, tum chune hue tees bahadur faujee afasaron ko bhejo jo chaaron taraf nakebandi bhi kar len. aisa na ho ki vah badmaash kahin chup kar nikal jaae."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246372,
"input": "शाही आदेश पा कर यह तीस अफसर उस तरफ चले जिधर अलादीन शिकार खेलने गया था और सिपाहियों को भी इधर-उधर चौकसी के लिए भेज दिया गया। अलादीन शिकार खेल कर लौट रहा था। शहर से दस बारह मील निकल कर इन अफसरों ने उसे देखा और उसे सलाम करके कहा, बादशाह की आज्ञा है कि हम आप को उन के सामने पहुँचाएँ। अलादीन ने देखा कि अफसरों ने उस के चारों ओर से घेरा डाल लिया है। अलादीन यह तो समझ गया कि यह रंग-ढंग गिरफ्तारी के हैं। वह उन के साथ चलने लगा। जब नगर लगभग एक मील रह गया तो अफसर उस के सामने जंजीरें ले कर आए और कहा कि इन्हें पहन लीजिए। उस ने कहा, मेरा अपराध क्या है जिसके लिए मेरी गिरफ्तारी हो रही है? उन्होंने कहा, यह हम नहीं जानते। हमें तो सिर्फ यह कहा गया है कि आप को जंजीरों में जकड़ कर बादशाह के सामने पेश करें।",
"output": "shahi aadesh paa kar yah tees afasar us taraf chale jidhar alladin shikaar khilne gaya tha or sipaahiyon ko bhi idhar-udhar chaukasee ke liye bhej diya gaya. alladin shikaar khel kar laut rahaa tha. shahar se das baarah mile nikal kar in afasaron ne use dekha or use salaam karke kaha, badshaah kii ajna he ki ham aap ko un ke saamne pahunchaaen. alladin ne dekha ki afasaron ne us ke chaaron ore se gheraa daal liya he. alladin yah to samaj gaya ki yah rang-dhang giraftaar ke hai. vah un ke saath chalane laga. jab nagar lagbhag ek mile rah gaya to afasar us ke saamne zanjeeren le kar aae or kaha ki inhen pahan lijie. us ne kaha, meraa aparaadh kya he jiske liye meri giraftaar ho rahi he? unhone kaha, yah ham nahin jaanate. hamen to sirf yah kaha gaya he ki aap ko zanjeeron main jakad kar badshaah ke saamne pesh karen."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246373,
"input": "अलादीन कहता भी क्या। फौजियों ने उस की गर्दन और हाथ-पाँव को ऐसा जंजीरों से जकड़ा कि वह हिल-डुल भी नहीं सकता था। कुछ देर बाद उसे घोड़े से भी उतार दिया गया और एक सवार ने उस की जंजीर थाम ली। शहर में लोगों ने यह देखा तो उन्हें विश्वास हो गया कि अब इसका प्राणांत होनेवाला है क्योंकि मृत्युदंड के भागी ही को इस तरह से ले जाया जाता है। लोग इस से भड़क गए। अलादीन सभी को प्यारा था और सभी उस के कृतज्ञ थे। चुनांचे जिसे भी जो अस्त्र-शस्त्र मिला वह उसे ले कर दौड़ा आया।",
"output": "alladin kahata bhi kya. phogiyon ne us kii gardan or haath-paanv ko aisa zanjeeron se jakadaaa ki vah hill-dul bhi nahin saktaa tha. kuch der baad use ghode se bhi utaar diya gaya or ek savaar ne us kii zanjeer tham lee. shahar main logon ne yah dekha to unhen vishwaas ho gaya ki ab iskaa pranant honevaala he kyonki mrityudand ke bhaagi hi ko is tarah se le jaaya jaataa he. log is se bhadak gaye. alladin sabhi ko pyaara tha or sabhi us ke kritagya the. chunaanche jise bhi jo astr-shastr mila vah use le kar dauda aayaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246374,
"input": "फौजी सवारों ने देखा कि वे लोग अलादीन को छुड़ाने के लिए आ रहे हैं तो उन्होंने उसे एक घोड़े पर लादा और कौशलपूर्वक जनता से बचा कर उसे किले में ले आए और द्वारपाल ने खतरा देख कर किले का द्वार बंद कर लिया। अलादीन को उसी बँधी हुई हालत में बादशाह के सामने पेश किया गया। बादशाह गुस्से में अंधा हो रहा था। उस ने पहले ही जल्लाद को बुला रखा था। अलादीन को देखते ही उस ने चीख कर कहा, इस से बहस करने की कोई जरूरत नहीं है। अभी इसका सिर उड़ा दिया जाए।",
"output": "faujee savaaron ne dekha ki ve log alladin ko chhudaane ke liye aa rahe hai to unhone use ek ghode par ladaa or kaushalpurvak janata se bachaa kar use kile main le aae or dwarpal ne khatra dekh kar kile kaa dwaar band kar liya. alladin ko usee bandhi hui haalat main badshaah ke saamne pesh kiya gaya. badshaah gusse main andhaa ho rahaa tha. us ne pehle hi jallaad ko bula rakhaa tha. alladin ko dekhte hi us ne cheekh kar kaha, is se bahes karne kii koi jarurat nahin he. abhi iskaa sir uda diya jaae."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246375,
"input": "जल्लाद ने अलादीन की जंजीर खोल कर उसे बिठाया और उस की आँखों पर पट्टी बाँधी। फिर उस ने हवा में दो-तीन बार तलवार लहराई। जल्लाद लोग यह इसलिए करते हैं कि असली हाथ सधा हुआ पड़े। इतने में मंत्री ने हाथ जोड़ कर कहा, सरकार, अलादीन को मारने में जल्दी न कीजिए। बड़ी गड़बड़ी हो जाएगी। इसका वध होते ही लोग विद्रोह कर देंगे और आप की जान पर बन आयगी। बादशाह ने गुर्रा कर कहा, किसकी हिम्मत है विद्रोह करने की? बकवास मत करो। मंत्री बोला, उधर किले की दीवार पर देखिए। बाहर तो लाखों सशस्त्र लोग जमा हैं। बादशाह ने देखा कि सैकड़ों आदमी किले की दीवार पर चढ़ गए हैं और अंदर कूदनेवाले ही हैं। अब बादशाह सचमुच ही डर गया। उस ने जल्लाद से कहा, तलवार दूर फेंक दो। राजाज्ञा के अनुसार जल्लाद ने तलवार दूर फेंक दी।",
"output": "jallaad ne alladin kii zanjeer khol kar use bithaaya or us kii aankhon par pattee baandhi. phir us ne hawa main do-teen baar talwaar laharaai. jallaad log yah isliye karte hai ki asli haath sadha hua pade. itane main mantri ne haath jod kar kaha, sarkaar, alladin ko maarane main jaldi na kiijie. badi gadabadi ho jaaegi. iskaa vadh hote hi log vidroh kar denge or aap kii jaan par ban aaygi. badshaah ne gurraa kar kaha, kiski himmat he vidroh karne kii? bakawaas mat karo. mantri bolaa, udhar kile kii diwaar par dekhie. baahar to lakhon sashastr log jamaa hai. badshaah ne dekha ki saikadon aadmi kile kii diwaar par chadh gaye hai or andar kudanevaale hi hai. ab badshaah sachmuch hi dar gaya. us ne jallaad se kaha, talwaar dur phenk do. rajagna ke anusaar jallaad ne talwaar dur phenk di."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246376,
"input": "बादशाह ने एक बड़े सरदार को आज्ञा दी कि ऊँचे स्वर में घोषणा करे कि बादशाह ने अलादीन का अपराध क्षमा करके उसे छोड़ दिया है। सरदार की घोषणा के बाद नियमानुसार मुनादी करनेवालों ने सारे शहर में इस क्षमादान की घोषणा की। सरदार की घोषणा पर जो नागरिक विद्रोह के लिए शस्त्र धारण करके किले की दीवारों पर चढ़ गए थे वे भी बाहर कूद गए। सारे नगर में यह समाचार तुरंत फैल गया और सभी को इस से बड़ी प्रसन्नता हुई।",
"output": "badshaah ne ek bade sardaar ko ajna di ki unche swar main ghoshnaa kare ki badshaah ne alladin kaa aparaadh kshamaa karke use chhod diya he. sardaar kii ghoshnaa ke baad niyamanusaar munaadi karanevaalon ne saare shahar main is kshamaadaan kii ghoshnaa kii. sardaar kii ghoshnaa par jo naagarik vidroh ke liye shastr dhaaran karke kile kii deevaaron par chadh gaye the ve bhi baahar kud gaye. saare nagar main yah samachar turant fail gaya or sabhi ko is se badi prasannataa hui."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246377,
"input": "इधर अलादीन ने बादशाह से कहा, सरकार, आप ने प्राणदान दे कर मुझ पर बड़ी कृपा की किंतु अब कृपापूर्वक यह भी बता दिया जाए कि मैं ने कौन-सा अपराध किया था जिसकी यह सजा मिलनेवाली थी। बादशाह ने पहले तो केवल घृणापूर्वक उसे देखा किंतु जब उस ने दुबारा यही प्रश्न किया तो उस ने कहा, मक्कार, तू मुझ से ऐसे अपराध पूछता है जैसे कि जानता ही नहीं। मेरे साथ महल की छत पर आ। मैं तुझे तेरा अपराध बताऊँगा नहीं बल्कि दिखाऊँगा। यह कह कर बादशाह उसे महल की छत पर ले गया और उस से पूछने लगा, बताओ, तुम्हारा बनवाया महल कहाँ है?",
"output": "idhar alladin ne badshaah se kaha, sarkaar, aap ne pranadan de kar mujh par badi krupa kii kintu ab kripapurvak yah bhi bataa diya jaae ki main ne koun-sa aparaadh kiya tha jisaki yah sajaa milanevaali thi. badshaah ne pehle to keval ghrinaapurvak use dekha kintu jab us ne dubaara yahi prashn kiya to us ne kaha, makkaar, tu mujh se aise aparaadh poochta he jaise ki jaanata hi nahin. mere saath mahal kii chat par aa. main tuje tera aparaadh bataaoonga nahin balki dikhaaoonga. yah kah kar badshaah use mahal kii chat par le gaya or us se poochne laga, bataao, tumhaara banwaaya mahal kahan he?"
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246378,
"input": "अलादीन भी आश्चर्य से आँखें फाड़ कर देखने लगा लेकिन उसे महल का निशान भी देखने को न मिला। वह ऐसा हक्का-बक्का हुआ कि जड़वत बहुत देर तक खड़ा रहा। बादशाह ने फिर पूछा, अब चुप क्यों हो? बताओ महल का क्या हुआ। अलादीन ने कहा, महल वाकई गायब है लेकिन इसमें मेरा कोई दोष नहीं है, मेरा तो इतना बड़ा महल चला गया। बादशाह ने कहा, तुम्हारा महल जाए भाड़ में। मुझे तो यह चिंता है कि मेरी बेटी कहाँ गई। मैं उस के दुख में पागल हो गया हूँ। तुम अगर खैरियत चाहो तो मेरी बेटी का पता लगाओ वरना अब जब मैं तुम्हें दंड दूँगा तो ऐसी व्यवस्था करूँगा कि तुम्हारे समर्थक भी कुछ न कर सकें। अलादीन ने कहा, इस की जरूरत नहीं। मुझे भी अपनी पत्नी के गुम हो जाने का दुख कम नहीं है। आप मुझे चालीस दिन का समय दे दीजिए। इस काल में यदि मैं शहजादी का पता न लगा सका तो स्वयं ही अपना सिर काट कर आप के पाँवों पर डाल दूँगा। बादशाह ने यह स्वीकार किया।",
"output": "alladin bhi aashcharya se ankhen faad kar dekhne laga lekin use mahal kaa nishaan bhi dekhne ko na mila. vah aisa hakkaa-bakka hua ki jadvat bahut der tak khadaa rahaa. badshaah ne phir poocha, ab chup kyon ho? bataao mahal kaa kya hua. alladin ne kaha, mahal vaaki gaayab he lekin isamen meraa koi dosha nahin he, meraa to itnaa bada mahal chalaa gaya. badshaah ne kaha, tumhaara mahal jaae bhaad main. mujhe to yah chintaa he ki meri beti kahan gai. main us ke dukh main pagal ho gaya hoon. tum agar kheriyat chaaho to meri beti kaa pataa lagaao varanaa ab jab main tumhen dand doongaa to aisi vyavastha karunga ki tumhaare samarthak bhi kuch na kar saken. alladin ne kaha, is kii jarurat nahin. mujhe bhi apni patni ke gum ho jane kaa dukh kam nahin he. aap mujhe chalis din kaa samay de dijie. is kaal main yadi main shahzadi kaa pataa na laga sakaa to swayan hi apana sir kaat kar aap ke paanvon par daal doongaa. badshaah ne yah sweekaar kiya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246379,
"input": "बादशाह ने कहा, चालीस दिनों तक तुम्हारी छुट्टी है, तुम जहाँ चाहो खोज कर सकते हो। लेकिन यह न समझना कि तुम मुझ से बच कर निकल सकोगे। तुम संसार में चाहे जहाँ भी रहोगे मैं तुम्हें पकड़वा मँगाऊँगा। अलादीन यह सुन कर महल से बाहर निकला। वह अपने दुर्भाग्य पर रोता हुआ जा रहा था। सरदार और अमीर-उमरा भी उस के दुख से दुखी हो कर उस से मुँह छुपाने लगे, वे उस की तसल्ली के लिए कहते भी क्या। अलादीन ने चालीस दिन की अवधि तो ले ली थी किंतु उस की समझ में खुद भी नहीं आ रहा था कि महल और बदर बदौर को कहाँ ढूँढ़े। तीन दिनों तक वह शहर में भटकता रहा। हर जान पहचानवाले से पूछता, भाई, तुम्हें मालूम हो तो बताओ कि मेरा खोया हुआ महल कहाँ मिल सकता है। लोग उस पर तरस खाते और आपस में कहते, बेचारा पागल हो गया है। कितना भला आदमी है किंतु दुर्भाग्य की मार से किसे छुटकारा मिला है। वे लोग दया करके उसे कुछ खाने-पीने को दे देते। इस से अधिक कर भी क्या सकते थे।",
"output": "badshaah ne kaha, chalis dinon tak tumhaari chuttee he, tum jahaan chaaho khoj kar sakate ho. lekin yah na samajhnaa ki tum mujh se batch kar nikal sakoge. tum sansar main chaahe jahaan bhi rahoge main tumhen pakadava mangaauunga. alladin yah sun kar mahal se baahar niklaa. vah apane durbhaagya par rota hua ja rahaa tha. sardaar or amir-umara bhi us ke dukh se dukhi ho kar us se munh chupaane lage, ve us kii tasalli ke liye kehete bhi kya. alladin ne chalis din kii avadhi to le lee thi kintu us kii samaj main khud bhi nahin aa rahaa tha ki mahal or badar badaur ko kahan dhunde. teen dinon tak vah shahar main bhatakta rahaa. har jaan pahachaanavaale se poochta, bhai, tumhen maaloom ho to bataao ki meraa khoyaa hua mahal kahan mil saktaa he. log us par taras khate or aapas main kehete, bechaara pagal ho gaya he. kitna bhala aadmi he kintu durbhaagya kii maar se kise chhutkaaraa mila he. ve log dayaa karke use kuch khaane-pine ko de dete. is se adhik kar bhi kya sakate the."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246380,
"input": "तीन दिन बाद वह बिल्कुल निराश हो गया। कहाँ तो कल तक यह हाल था कि लोगों में अशर्फियाँ लुटवाता था और अपनी बुद्धि और पराक्रम से राजदरबार में बड़ा सम्मान प्राप्त किए था कहाँ यह हाल कि लोग उसे पागल समझ कर तरस खाते और उसे भीख के तौर पर कुछ टुकड़े दे देते। अंत में वह अर्धविक्षिप्त अवस्था में शहर से बाहर निकल कर जंगल में चला गया। बड़ी दूर तक जाने के बाद उसे एक नदी मिली। उस ने सोचा कि मेरी पत्नी तो अब मुझ से मिलने से रही, अब जीवन व्यर्थ है। और जीवन भी कितने दिन का है। अवधि के अंत में बादशाह उसे मरवा ही देगा। उस ने सोचा कि नदी में डूब मरूँ।",
"output": "teen din baad vah bilkul niraash ho gaya. kahan to kal tak yah haal tha ki logon main asharfiyan lutwataa tha or apni buddhi or parakram se rajdurbar main bada sammaan praapt kiye tha kahan yah haal ki log use pagal samaj kar taras khate or use bheekh ke taur par kuch tukade de dete. ant main vah ardhvikshipt avasthaa main shahar se baahar nikal kar jangal main chalaa gaya. badi dur tak jane ke baad use ek nadi mili. us ne sochaa ki meri patni to ab mujh se milane se rahi, ab jivan vyarth he. or jivan bhi kitne din kaa he. avadhi ke ant main badshaah use marava hi degaa. us ne sochaa ki nadi main dub marun."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246381,
"input": "फिर उसे खयाल आया कि मुसलमान के लिए आत्महत्या वर्जित है। उस ने सोचा कि मैं नदी में स्नान करके फिर नमाज पढ़ूँगा और भगवान से निरंतर अपने उद्देश्य की सफलता की प्रार्थना करूँगा। यह सोच कर वह नदी में उतरा लेकिन उस का पाँव फिसल गया और वह तैरना नहीं जानता था इसलिए डूबने लगा। तभी उस का हाथ एक छोटी-सी चट्टान पर लगा और उस ने उसे कस कर पकड़ लिया।",
"output": "phir use khyal aayaa ki musalmaan ke liye aatmahatya varjit he. us ne sochaa ki main nadi main snaan karke phir namaaj padhungaa or bhagwaan se nirantar apane uddeshy kii safalataa kii prarthana karunga. yah soch kar vah nadi main utraa lekin us kaa paanv phisal gaya or vah tairnaa nahin jaanata tha isliye doobane laga. tabhi us kaa haath ek choti-si chattan par laga or us ne use kas kar pakad liya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246382,
"input": "यह डूबना भी उस के लिए सौभाग्यपूर्ण हुआ। वह छल्ले को भूल गया था किंतु छल्ले के पत्थर पर रगड़ खाने से छल्ले का जिन्न आ गया और बोला, स्वामी, क्या आज्ञा है? अलादीन ने कहा, पहले मुझे डूबने से बचाओ, फिर तुम से कुछ बात करूँगा। जिन्न ने उसे उठा कर किनारे पर बिठाया। कुछ देर बाद अलादीन सावधान हुआ तो उस ने पूछा, तुम क्या मुझे बता सकते हो कि मेरा महल कहाँ गायब हो गया और मेरी पत्नी यानी शहजादी कैसी है? जिन्न ने कहा, यह मैं बता सकता हूँ। जिस जादूगर ने आप को उस गढ़े में बंद किया था जहाँ से पहली बार मैं ने आप को निकाला था वही जादूगर आप की पत्नी के साथ आप के महल को उड़ा ले गया है। वह अफ्रीका का रहनेवाला है और वहीं पर अपने निवास नगर में महल को ले गया है। उस के हाथ जादू का चिराग लग गया था।",
"output": "yah doobana bhi us ke liye saubhagyapurna hua. vah challe ko bhul gaya tha kintu challe ke pathar par ragad khaane se challe kaa jinn aa gaya or bolaa, swami, kya ajna he? alladin ne kaha, pehle mujhe doobane se bachaao, phir tum se kuch baat karunga. jinn ne use uthaa kar kinare par bithaaya. kuch der baad alladin saavdhaan hua to us ne poocha, tum kya mujhe bataa sakate ho ki meraa mahal kahan gaayab ho gaya or meri patni yani shahzadi kisi he? jinn ne kaha, yah main bataa saktaa hoon. jis jaadugar ne aap ko us gadhe main band kiya tha jahaan se pehali baar main ne aap ko nikaala tha vahi jaadugar aap kii patni ke saath aap ke mahal ko uda le gaya he. vah africa kaa rahanevaala he or vahiin par apane nivas nagar main mahal ko le gaya he. us ke haath jaadu kaa chiraag lag gaya tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246383,
"input": "अलादीन ने कहा, क्या तुम शहजादी के समेत महल को वापस ला कर उस की पुरानी जगह पर रख सकते हो? जिन्न ने कहा, यह मेरा काम नहीं है, यह चिराग के जिन्नों का काम है। हम लोग एक-दूसरे के कामों में दखल नहीं दे सकते। अलादीन ने कुछ सोच कर कहा, अच्छा, क्या तुम मुझे उस जगह पहुँचा सकते हो जहाँ वह महल है? जिन्न बोला, यह जरूर कर सकता हूँ। चुनांचे अलादीन ने जिन्न से यही करने को कहा और जिन्न ने कुछ क्षणों ही में अफ्रीका के उस नगर में उसे पहुँचा दिया जहाँ जादूगर रहता था और जहाँ उस ने चीन से महल को ला कर रखा था। अलादीन को उस के महल के सामने उतार कर जिन्न गायब हो गया।",
"output": "alladin ne kaha, kya tum shahzadi ke samet mahal ko waapas laa kar us kii puraani jagah par rakh sakate ho? jinn ne kaha, yah meraa kaam nahin he, yah chiraag ke jinnon kaa kaam he. ham log ek-duusare ke kaamon main dakhal nahin de sakate. alladin ne kuch soch kar kaha, acha, kya tum mujhe us jagah pahunchaa sakate ho jahaan vah mahal he? jinn bolaa, yah jarur kar saktaa hoon. chunaanche alladin ne jinn se yahi karne ko kaha or jinn ne kuch kshanon hi main africa ke us nagar main use pahunchaa diya jahaan jaadugar rahata tha or jahaan us ne china se mahal ko laa kar rakhaa tha. alladin ko us ke mahal ke saamne utaar kar jinn gaayab ho gaya."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246384,
"input": "यद्यपि उस समय रात काफी बीत गई थी और अँधेरा हो गया था तथापि अलादीन ने अपना महल पहचान लिया। वह एक पेड़ के नीचे जा बैठा और मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद देने लगा जिसने तीन-चार दिन की परेशानी के बाद उसे पत्नी के निकट पहुँचा दिया था। उसे ऐसा संतोष मिला कि वह पेड़ के नीचे भूमि पर ही सो गया। सुबह पक्षियों के कलरव से उस की आँख खुली तो वह अपने महल के और समीप जा कर बैठ गया और महल को ध्यान से देखने लगा।",
"output": "yadhyapi us samay raat kaaphi biit gai thi or andheraa ho gaya tha tathaapi alladin ne apana mahal pahchaan liya. vah ek ped ke neeche ja baitha or man hi man ishwar ko dhanyavad dene laga jisane teen-chaar din kii pareshaani ke baad use patni ke nikat pahunchaa diya tha. use aisa santosh mila ki vah ped ke neeche bhoomi par hi so gaya. subah pakshiyon ke colorav se us kii aankh khuli to vah apane mahal ke or sameep ja kar baith gaya or mahal ko dhyaan se dekhne laga."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246385,
"input": "कुछ देर बाद अलादीन उस खिड़की के सामने टहलने लगा जो बदर बदौर के रहने के कमरे में थी। उसे आशा थी कि शहजादी जाग कर उसे देखेगी। शहजादी रात भर जादूगर की काम चेष्टाओं से बचने की परेशानी में लगी रही थी इसलिए वह बहुत देर तक सोती रही। उधर अलादीन यह सोचने लगा कि आखिर जादूगर इस महल को यहाँ लाया कैसे। उस ने यही निष्कर्ष निकाला कि मैं चिराग को महल में रख कर भूल गया था, वहीं से किसी तरह जादूगर ने उसे हथिया लिया होगा क्योंकि चिराग के जिन्नों के अलावा महल को और कोई ला ही नहीं सकता। वह सोचता रहा कि महल में इतने पहरे के बावजूद जादूगर को चिराग मिला कैसे लेकिन वह बिल्कुल न समझ पाया कि यह संभव कैसे हुआ। उस ने सोचा कि शहजादी से भेंट होने पर ही यह रहस्य खुलेगा किंतु यह भी समस्या थी कि उस से भेंट कैसे हो।",
"output": "kuch der baad alladin us khidki ke saamne tahalne laga jo badar badaur ke rahane ke kamare main thi. use aashaa thi ki shahzadi jaag kar use dekhegi. shahzadi raat bhar jaadugar kii kaam cheshtaaon se bachane kii pareshaani main lagi rahi thi isliye vah bahut der tak soti rahi. udhar alladin yah sochane laga ki aakhir jaadugar is mahal ko yahan laayaa kaise. us ne yahi nishkarsh nikaala ki main chiraag ko mahal main rakh kar bhul gaya tha, vahiin se kisi tarah jaadugar ne use hathiyaa liya hoga kyonki chiraag ke jinnon ke alaava mahal ko or koi laa hi nahin saktaa. vah sochataa rahaa ki mahal main itane pehre ke baavjood jaadugar ko chiraag mila kaise lekin vah bilkul na samaj paaya ki yah sambhav kaise hua. us ne sochaa ki shahzadi se bhent hone par hi yah rahasy khulegaa kintu yah bhi samasya thi ki us se bhent kaise ho."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246386,
"input": "जादूगर ने न जाने किस कारण महल में निवास नहीं किया था। वह निकट ही अपने बने हुए घर में रहता था। दिन में वह आम तौर पर बाहर अपने जादूगरी के कामों में लगा रहता था, केवल शाम से आधी रात तक वह शहजादी के आगे प्रेम निवेदन करके उसे परेशान किया करता था। इस समय भी वह महल में नहीं था। जब शहजादी की आँख खुली तो उस के कमरे में उसे सजाने-सँवारने के लिए दासियों की भागदौड़ होने लगी। एक दासी ने खिड़की से देखा कि अलादीन महल के बाहर टहल रहा है। उस ने बदर बदौर से जा कर कहा, तो उस ने अपनी एक विश्वस्त दासी से कहा कि बाहर जा कर देखो, वह आदमी अलादीन हो तो उसे चोर दरवाजे से यहाँ ले आओ। वह दासी बाहर जा कर होशियारी से अलादीन को ले आई।",
"output": "jaadugar ne na jane kis kaaran mahal main nivas nahin kiya tha. vah nikat hi apane bane hue ghar main rahata tha. din main vah aam taur par baahar apane jaaduugari ke kaamon main laga rahata tha, keval shaam se aadhi raat tak vah shahzadi ke aage prem nivedan karke use pareshaan kiya karata tha. is samay bhi vah mahal main nahin tha. jab shahzadi kii aankh khuli to us ke kamare main use sajaane-sanvaarane ke liye daasiyon kii bhagdaud hone lagi. ek daasi ne khidki se dekha ki alladin mahal ke baahar tahal rahaa he. us ne badar badaur se ja kar kaha, to us ne apni ek vishwast daasi se kaha ki baahar ja kar dekho, vah aadmi alladin ho to use chor daravaaje se yahan le aao. vah daasi baahar ja kar hoshiyaari se alladin ko le ai."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246387,
"input": "इतने दिनों बाद पति-पत्नी मिले तो पहले तो एक-दूसरे से लिपट कर खूब रोए। फिर उन्होंने अपने ऊपर पड़नेवाली विपदाओं का एक-दूसरे से वर्णन किया। फिर अलादीन ने शहजादी से कहा, एक बात अच्छी तरह याद करके बताओ। महल के अंदर के कमरे में एक पुराना चिराग रखा रहता था। वह अभी तक है या नहीं। उस की पत्नी ने कहा, हम लोगों पर जो कुछ मुसीबत पड़ी वह उसी चिराग के संबंध में मेरे द्वारा की हुई मूर्खता के कारण ही पड़ी। यह कह कर उस ने जादूगर द्वारा नए दीपकों के बदले पुराने दीपकों को लेने के छल द्वारा उक्त चिराग के हथियाने का सारा हाल कहा। अलादीन ने कहा, तुम बेकार ही अपने को दोषी समझ रही हो। गलती तो मेरी ही थी कि मैं ऐसी चीज की तरफ से लापरवाह हो गया। मैं ने तुम्हें चिराग के बारे में बताया भी कुछ नहीं था इसलिए अगर तुमने उसे पुराना और बेकार चिराग समझा तो तुम्हें कैसे दोष दिया जाए। शहजादी ने कहा, मैं तो अपनी मूर्खता पर अपने को बार-बार धिक्कारती हूँ। जब अचानक मैं महल समेत इस नई जगह में आ गई तो पहले तो कुछ समझ ही नहीं पाई कि क्या हुआ। फिर उसी दिन जादूगर मेरे पास आया और कहने लगा कि तुम अब अफ्रीका में हो। अपने पति और पिता से मिलने की आशा छोड़ दो। मैं ने पूछा कि मैं यहाँ कैसे आ गई। उस ने हँसते हुए और अपनी चालाकी की शान झाड़ते हुए बताया कि जिस चिराग को तुमने पुराना समझ कर मुझे नए चिराग के बदले में दे दिया था यह सब उसी का चमत्कार है।",
"output": "itane dinon baad pati-patni mili to pehle to ek-duusare se lipat kar khub roe. phir unhone apane upar padanevaali vipadaaon kaa ek-duusare se varnan kiya. phir alladin ne shahzadi se kaha, ek baat acchhee tarah yaad karke bataao. mahal ke andar ke kamare main ek purana chiraag rakhaa rahata tha. vah abhi tak he yaa nahin. us kii patni ne kaha, ham logon par jo kuch musiibat padi vah usee chiraag ke sambandh main mere dwaara kii hui morrkhtaa ke kaaran hi padi. yah kah kar us ne jaadugar dwaara nae dipakon ke badale puraane dipakon ko lene ke chal dwaara ukt chiraag ke hathiyaane kaa sara haal kaha. alladin ne kaha, tum bekaar hi apane ko doshi samaj rahi ho. galati to meri hi thi ki main aisi cheez kii taraf se laaparvaah ho gaya. main ne tumhen chiraag ke bare main bataaya bhi kuch nahin tha isliye agar tumne use purana or bekaar chiraag samajha to tumhen kaise dosha diya jaae. shahzadi ne kaha, main to apni morrkhtaa par apane ko baar-baar dhikkaarti hoon. jab achaanak main mahal samet is nai jagah main aa gai to pehle to kuch samaj hi nahin pai ki kya hua. phir usee din jaadugar mere paas aayaa or kehane laga ki tum ab africa main ho. apane pati or pita se milane kii aashaa chhod do. main ne poocha ki main yahan kaise aa gai. us ne hanste hue or apni chaalaaki kii shaan jhaadte hue bataaya ki jis chiraag ko tumne purana samaj kar mujhe nae chiraag ke badale main de diya tha yah sab usee kaa chamatkaar he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246388,
"input": "अलादीन ने कहा, खैर, यह तो हुआ। अब तुम पहले यह बताओ कि वह चिराग इस समय कहाँ है। और यह भी बताओ कि जादूगर ने अभी तक तुम्हें भ्रष्ट तो नहीं किया है? बदर बदौर बोली, चिराग को वह दुष्ट हमेशा अपने वस्त्रों के अंदर अपने सीने से सटाए रखता है। तुम्हारी दूसरी बात का जवाब यह है कि अभी तक तो भगवान की दया से मेरी पवित्रता बची हुई है, आगे की बात नहीं कह सकती। वह तो रात होने पर रोजाना मेरे पास आता है और तरह-तरह से मुझे फुसलाने का प्रयत्न करता है किंतु मैं उस की तरफ देखती भी नहीं। उस ने बलात्कार शायद इसलिए नहीं किया कि उसे आशा है कि कुछ दिनों में मैं पिता और पति से अलग से अलग होने का दुख भूल जाऊँगी और प्रेमपूर्वक उसकी अंकशायिनी बनूँगी। मैं ने तो तय कर लिया है कि खुद उस से नहीं बोलूँगी और उस ने बलात्कार किया तो आत्महत्या कर लूँगी।",
"output": "alladin ne kaha, khayr, yah to hua. ab tum pehle yah bataao ki vah chiraag is samay kahan he. or yah bhi bataao ki jaadugar ne abhi tak tumhen bhrasht to nahin kiya he? badar badaur boli, chiraag ko vah dusht hameshaa apane vastron ke andar apane seene se sataae rakhata he. tumhaari duusari baat kaa jawaab yah he ki abhi tak to bhagwaan kii dayaa se meri pavitrataa bachi hui he, aage kii baat nahin kah sakati. vah to raat hone par rojaanaa mere paas aata he or tarah-tarah se mujhe phuslane kaa praytn karata he kintu main us kii taraf dekhati bhi nahin. us ne balaatkaar shaayad isliye nahin kiya ki use aashaa he ki kuch dinon main main pita or pati se alag se alag hone kaa dukh bhul jaaongi or prempurvak uski ankashayini banungi. main ne to tay kar liya he ki khud us se nahin boluungi or us ne balaatkaar kiya to aatmahatya kar loongi."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246389,
"input": "अलादीन ने कहा, वह मेरे प्राणों का शुरू से ग्राहक रहा है और अब भी उसे अवसर मिलेगा तो मारने की चेष्टा करेगा। इस के अतिरिक्त वह तुम से भी पशुवत यौन व्यवहार करना चाहता है, बाद में तुम्हें मार डालेगा। मुझे सुन कर बड़ी प्रसन्नता हुई कि वह तुम्हें भ्रष्ट नहीं कर सका। इस समय बाहर जाता हूँ, दोपहर तक फिर वापस आऊँगा। मैं उसी चोर दरवाजे से आऊँगा। मैं दूसरे कपड़े पहने हुए आऊँगा। इसलिए तुम वहाँ ऐसी होशियार और विश्वस्त दासी को रखना जो मेरे चेहरे को पहचानती हो। तुम मुझे कुछ धन भी दो क्योंकि मुझे हम दोनों की मुक्ति का उपाय करना है और आज का काम भी चलाना है।",
"output": "alladin ne kaha, vah mere praanon kaa shuru se graahak rahaa he or ab bhi use avasar milegaa to maarane kii cheshtaa karegaa. is ke atirikt vah tum se bhi pashuvat yon vyavhaar karnaa chahta he, baad main tumhen maar daalega. mujhe sun kar badi prasannataa hui ki vah tumhen bhrasht nahin kar sakaa. is samay baahar jaataa hoon, dopaher tak phir waapas aauunga. main usee chor daravaaje se aauunga. main duusare kapade pahane hue aauunga. isliye tum vahaan aisi hoshiyaar or vishwast daasi ko rakhana jo mere chehre ko pahachaanati ho. tum mujhe kuch dhan bhi do kyonki mujhe ham donon kii mukti kaa upaay karnaa he or aaj kaa kaam bhi chalaanaa he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246390,
"input": "बदर बदौर ने उसे अशर्फियों की एक थैली दी क्योंकि अलादीन तो फकीर बन कर चीन के राजमहल से निकला था हालाँकि कपड़े हमेशा जैसे पहने था। शहजादी की वही विश्वस्त दासी अलादीन को चोर दरवाजे से हो कर महल के बाहर कर आई। अलादीन आगे बढ़ने लगा। एक सुनसान रास्ते पर उसे एक गरीब किसान आता मिला। उस ने किसान को रोक कर कहा, मुझे एक खास वजह से तुम्हारे कपड़ों की जरूरत है। तुम मुझे अपने कपड़े दो और उस के बदले में मेरे कपड़े पहन लो। इस के लिए मैं तुम्हें कुछ धन भी दूँगा। किसान को क्या आपत्ति थी, उसे फटे-पुराने कपड़ों के बदले नए कपड़े मिल रहे थे। वह राजी हो गया। अलादीन ने उस से कपड़े बदल कर उसे एक अशर्फी दी और कहा कि कोई पूछे तो कि किसने तुम्हें कपड़े दिए है तो बताना मत।",
"output": "badar badaur ne use asharfiyon kii ek thili di kyonki alladin to fakir ban kar china ke rajmahal se niklaa tha haalaanki kapade hameshaa jaise pahane tha. shahzadi kii vahi vishwast daasi alladin ko chor daravaaje se ho kar mahal ke baahar kar ai. alladin aage badhane laga. ek sunsaan raste par use ek garib kisaan aata mila. us ne kisaan ko roak kar kaha, mujhe ek khaas vajah se tumhaare kapadon kii jarurat he. tum mujhe apane kapade do or us ke badale main mere kapade pahan lo. is ke liye main tumhen kuch dhan bhi doongaa. kisaan ko kya aapatti thi, use fate-puraane kapadon ke badale nae kapade mil rahe the. vah raji ho gaya. alladin ne us se kapade badal kar use ek asharfi di or kaha ki koi puche to ki kisne tumhen kapade die he to bataanaa mat."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246391,
"input": "फिर वह एक पंसारी के यहाँ गया और उस ने एक दुर्लभ वस्तु माँगी। पंसारी ने कहा, मेरे पास वह है तो लेकिन तुम उसे खरीद न सकोगे, वह बहुत ही कीमती है। किंतु अलादीन ने उसे एक अशर्फी दी तो वह फौरन वह चीज, जो वास्तव में महा भयंकर विष था, दे दी। फिर अलादीन ने एक नानबाई की दुकान में जा कर भोजन किया और चोर दरवाजे से फिर महल के अंदर प्रवेश किया। यह सब होशियारी उस ने इसलिए की कि वह अपनी उपस्थिति का तनिक भी संदेह नहीं देना चाहता था।",
"output": "phir vah ek pansaari ke yahan gaya or us ne ek durlabh vastu maangi. pansaari ne kaha, mere paas vah he to lekin tum use kharid na sakoge, vah bahut hi keemtee he. kintu alladin ne use ek asharfi di to vah fouran vah cheez, jo vastav main maha bhayankar vish tha, de di. phir alladin ne ek nanbai kii dukaan main ja kar bhojan kiya or chor daravaaje se phir mahal ke andar pravesh kiya. yah sab hoshiyaari us ne isliye kii ki vah apni upasthiti kaa tanik bhi andeh nahin dena chahta tha."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246392,
"input": "अब उस ने अपनी पत्नी से कहा, यहाँ से छूटने के लिए तुम्हें नाटक करना होगा। इसे अच्छी तरह समझ लो क्योंकि इस के अलावा छुटकारे की और कोई सूरत नहीं है। तुम अपना शोकवेश त्याग दो और रात में जादूगर के आने तक अपना पूरा श्रृंगार करके बैठ जाओ। जब वह आए तो तुम उस का मुस्कुरा कर स्वागत करना। उस के पूछने पर उस से कहना कि मैं ने सोचा कि कब तक पिता और पति से बिछड़ने का शोक करती रहूँगी। अब तो मैं ने तुम्हीं को पति की जगह मान लिया है और चाहती हूँ कि तुम्हारे ही साथ आनंदपूर्वक समय बिताऊँ और तुम्हारे साथ बैठ कर शराब पियूँ।",
"output": "ab us ne apni patni se kaha, yahan se chhootane ke liye tumhen naatak karnaa hoga. ise acchhee tarah samaj lo kyonki is ke alaava chhutkaare kii or koi surat nahin he. tum apana shokvesh tyaag do or raat main jaadugar ke aane tak apana puraa shringaar karke baith jaao. jab vah aae to tum us kaa muskura kar swaagat karnaa. us ke poochne par us se kahana ki main ne sochaa ki kab tak pita or pati se bichhadne kaa shok karti rahoongi. ab to main ne tumhiin ko pati kii jagah maan liya he or chaahati hoon ki tumhaare hi saath anandpurvak samay bitaauun or tumhaare saath baith kar sharaab piyun."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246393,
"input": "शहजादी इस पर चौंकी तो अलादीन ने उसे रोक कर कहा, तुम उस से पुरानी शराब मँगाना जिसे लेने के लिए वह स्वयं ही बाहर जाएगा। इस बीच तुम एक प्याले में शराब भर कर उस में इस पुड़िया की दवा घोल कर रख देना। इसे अन्य प्यालों से अलग रखना। मद्यपान आरंभ होने पर एक दासी तुम्हारे इशारे पर ही प्याला तुम्हारे हाथ में देगी। तुम कहना कि हमारे यहाँ की रस्म है कि प्रेमीजन एक-दूसरे के हाथ का प्याला बदल कर पीते हैं। इस प्रकार तुम यह दवा मिला प्याला उसे दे देना और वह खुशी के मारे इसे पूरा पी जाएगा। इसे पीते ही वह बेहोश हो जाएगा। मैं इस बीच चोर दरवाजे से निकल कर बाहर मैदान में एक पेड़ के नीचे बैठूँगा। जब जादूगर बेहोश हो जाए तो दासी को भेज कर मुझे बाहर से बुला लेना। इतना काम कर सकोगी?",
"output": "shahzadi is par chaunki to alladin ne use roak kar kaha, tum us se puraani sharaab mangaana jise lene ke liye vah swayan hi baahar jayega. is bich tum ek pyaale main sharaab bhar kar us main is pudiya kii dawa ghol kar rakh dena. ise anya pyaalon se alag rakhana. madhpan aarambh hone par ek daasi tumhaare ishaare par hi pyaalaa tumhaare haath main degi. tum kahana ki hamaare yahan kii rasm he ki premijan ek-duusare ke haath kaa pyaalaa badal kar pite hai. is prakaar tum yah dawa mila pyaalaa use de dena or vah khushi ke maare ise puraa pi jayega. ise pite hi vah behosh ho jayega. main is bich chor daravaaje se nikal kar baahar maidan main ek ped ke neeche baithoonga. jab jaadugar behosh ho jaae to daasi ko bhej kar mujhe baahar se bula lenaa. itnaa kaam kar sakogi?"
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246394,
"input": "शहजादी ने यह स्वीकार किया। अलादीन उस समय एक अन्य कक्ष में चला गया और दिन ढलते ही चोर दरवाजे से निकल कर एक पेड़ के नीचे जा बैठा। इधर शहजादी ने होशियारी के साथ अपनी साज-सज्जा करवानी शुरू की। अफ्रीका आने के बाद तो उस ने कपड़े भी नहीं बदले थे। उस ने गले में बहुमूल्य मोतियों की माला पहनी और हाथों में रत्नजटित कंगन। उस ने नए वस्त्र पहने जिनमें बढ़िया इत्र लगाया गया था। कमर में उस ने पटका बाँधा और दासियों से कहा कि मैं ने अभी तक जादूगर को अच्छी तरह देखा भी नहीं है, वह आए तो इशारा कर देना कि वही है ताकि उसे मेरे व्यवहार से यह न मालूम हो कि मैं ने उसे नहीं देखा है।",
"output": "shahzadi ne yah sweekaar kiya. alladin us samay ek anya kaksh main chalaa gaya or din dhalate hi chor daravaaje se nikal kar ek ped ke neeche ja baitha. idhar shahzadi ne hoshiyaari ke saath apni saaj-sajja karwaani shuru kii. africa aane ke baad to us ne kapade bhi nahin badale the. us ne gale main bahumoolya motiyon kii maala pahani or haathon main ratnajtit kangan. us ne nae vastra pahane jinamein badhiya itr lagaaya gaya tha. qamar main us ne pataka bandha or daasiyon se kaha ki main ne abhi tak jaadugar ko acchhee tarah dekha bhi nahin he, vah aae to ishaara kar dena ki vahi he taaki use mere vyavhaar se yah na maaloom ho ki main ne use nahin dekha he."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246395,
"input": "जादूगर के आने पर दासी ने इशारा दे दिया कि चिराग बदलनेवाला छली आ गया। शहजादी मुस्कुराती हुई उस के स्वागत के लिए उठी और उस का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बिठा लिया। यद्यपि वह सम्मानार्थ दूर ही बैठना चाहता था क्योंकि बहरहाल वह राजकुमारी थी। जादूगर इस बात से खुश तो हुआ लेकिन समझ न पाया कि शहजादी के व्यवहार में यह परिवर्तन कैसे हो गया। इसलिए चुपचाप बैठा रहा।",
"output": "jaadugar ke aane par daasi ne ishaara de diya ki chiraag badalanewaala chali aa gaya. shahzadi muskuraati hui us ke swaagat ke liye uthi or us kaa haath pakad kar use apane paas bitha liya. yadhyapi vah sammanarth dur hi baithna chahta tha kyonki baharhaal vah rajkumaari thi. jaadugar is baat se khush to hua lekin samaj na paaya ki shahzadi ke vyavhaar main yah parivartan kaise ho gaya. isliye chupchaap baitha rahaa."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246396,
"input": "शहजादी ने मोहक मुस्कान बिखेरते हुए कहा, तुम यह सोच रहे हो न कि आज इस ने अपनी सूरत कैसे बदल डाली। बात यह है कि अभी तक मैं अपने पिता से अलग होने और अपने पति के बिछोह में घुली जाती थी। आज मुझे यह खयाल आया कि मेरा पति बेचारा तो कभी का स्वर्ग सिधार गया होगा, मेरे पिता ने मेरे गायब हो जाने पर क्रोध में आ कर उसे मरवा डाला होगा। अब पति तो जिंदा ही नहीं रहा और पिता से मिलने की आशा न है न इच्छा क्योंकि वह मेरे पति का हत्यारा है। मैं ने सोचा है मैं उनकी याद में कब तक घुल-घुल कर जियूँ। इसीलिए मैं ने पति की जगह तुम्हें ही मान लिया है। आज मैं तुम्हारे साथ भोजन करूँगी। किंतु अभी भोजन का समय नहीं हुआ है, तब तक हम लोग कुछ पिएँ-पिलाएँ। मैं ने बहुत दिनों से अच्छी शराब नहीं पी है। तुम्हारे शहर में अच्छी शराब मिलती है?",
"output": "shahzadi ne mohak muskaan bikherte hue kaha, tum yah soch rahe ho na ki aaj is ne apni surat kaise badal daali. baat yah he ki abhi tak main apane pita se alag hone or apane pati ke bichhoh main ghuli jaati thi. aaj mujhe yah khyal aayaa ki meraa pati bechaara to kabhi kaa swarg sidhaar gaya hoga, mere pita ne mere gaayab ho jane par krodh main aa kar use marava daalaa hoga. ab pati to jinda hi nahin rahaa or pita se milane kii aashaa na he na ichha kyonki vah mere pati kaa hatyara he. main ne sochaa he main unki yaad main kab tak ghul-ghul kar jiyun. isiilie main ne pati kii jagah tumhen hi maan liya he. aaj main tumhaare saath bhojan karuungi. kintu abhi bhojan kaa samay nahin hua he, tab tak ham log kuch pien-pilaayein. main ne bahut dinon se acchhee sharaab nahin pi he. tumhaare shahar main acchhee sharaab milti he?"
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246397,
"input": "जादूगर यह सुन कर फूला न समाया और बोला, आप के लायक तो शहर में शराब नहीं मिलेगी लेकिन मैं ने अपने तहखाने में बड़ी पुरानी शराबें रखी हैं। मैं उन्हीं में से ला रहा हूँ। शहजादी ने कहा, तुम क्यों जा रहे हो? किसी आदमी को भेज कर क्यों नहीं मँगा लेते? जादूगर ने कहा, मुझे खुद ही जाना पड़ेगा। न कोई आदमी तहखाने तक जा पाएगा न उस का ताला ही खोल सकेगा। शहजादी ने कहा, अच्छा जाओ लेकिन जल्दी आना। मुझे तुम्हारे बगैर अच्छा नहीं लगता। जादूगर के जाने के बाद शहजादी ने एक प्याले के शराब में दवा घोली और एक दासी के हवाले कर दी।",
"output": "jaadugar yah sun kar phula na samaaya or bolaa, aap ke laayak to shahar main sharaab nahin milegi lekin main ne apane tahkhaane main badi puraani sharaaben rakhi hai. main unheen main se laa rahaa hoon. shahzadi ne kaha, tum kyon ja rahe ho? kisi aadmi ko bhej kar kyon nahin mangaa lete? jaadugar ne kaha, mujhe khud hi janaa padegaa. na koi aadmi tahkhaane tak ja paaegaa na us kaa taala hi khol sakegaa. shahzadi ne kaha, acha jaao lekin jaldi aana. mujhe tumhaare bagaiyr acha nahin lagata. jaadugar ke jane ke baad shahzadi ne ek pyaale ke sharaab main dawa gholi or ek daasi ke hawaale kar di."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246398,
"input": "कुछ ही देर में जादूगर उत्तम मदिरा ले कर आ पहुँचा और दोनों मद्यपान करने लगे। शहजादी शराब के साथ स्वादिष्ट गजक अपने हाथ से उठा-उठा कर जादूगर के आगे रखती। उस ने जादूगर से कहा, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें गाना भी सुना सकती हूँ लेकिन यहाँ मेरा साथ देने के लिए अच्छे वादक नहीं हैं। इसलिए हम लोग बातें ही करेंगे। जादूगर ऐसे प्रिय वचन सुन कर खुशी से पागल हो गया। शहजादी ने एक जाम भर कर जादूगर के नाम पर पिया। इस के बाद उस ने शराब की बहुत तारीफ की और कहा, तुम ने इस शराब की जितनी प्रशंसा की थी यह उस से भी अधिक अच्छी है। फिर उस ने जादूगर को एक प्याला अपने हाथ से भर कर दिया। उस ने उसे पी कर कहा, यह शराब मेरी ही है किंतु इस ने पहले कभी मुझे इतना आनंद नहीं दिया जितना इस समय दे रही है। इसी प्रकार वे धीरे-धीरे मद्यपान करते रहे और मधुर वार्तालाप करते रहे।",
"output": "kuch hi der main jaadugar uttam madiraa le kar aa pahunchaa or donon madhpan karne lage. shahzadi sharaab ke saath swaadisht gajak apane haath se uthaa-uthaa kar jaadugar ke aage rakhti. us ne jaadugar se kaha, agar tum chaaho to main tumhen gaanaa bhi suna sakati hoon lekin yahan meraa saath dene ke liye achche vadak nahin hai. isliye ham log baaten hi karenge. jaadugar aise priy vachan sun kar khushi se pagal ho gaya. shahzadi ne ek jam bhar kar jaadugar ke naam par piya. is ke baad us ne sharaab kii bahut tarif kii or kaha, tum ne is sharaab kii jitani prashansa kii thi yah us se bhi adhik acchhee he. phir us ne jaadugar ko ek pyaalaa apane haath se bhar kar diya. us ne use pi kar kaha, yah sharaab meri hi he kintu is ne pehle kabhi mujhe itnaa anand nahin diya jitna is samay de rahi he. isi prakaar ve dhire-dhire madhpan karte rahe or madhur vaartalap karte rahe."
} |
{
"Source_Language": "hindi",
"Target_Language": "Hinglish",
"id": 246399,
"input": "फिर शहजादी ने दासी को संकेत किया और उस ने अफ्रीकी की नजर बचा कर पहले से तैयार किया हुआ प्याला शहजादी को दे दिया। उस ने दूसरा मामूली शराब का प्याला भर कर जादूगर को दिया। शहजादी बोली, हमारे चीन की एक यह भी रस्म है कि दो प्रेमीजन मद्यपान करते हैं तो एक-दूसरे के हाथ से ले कर प्याला पीते हैं। यह कह कर अपना प्याला जिस में दवा के नाम पर विष मिला हुआ था उस ने जादूगर को दिया और बड़े नाज-नखरे के साथ उस के हाथ का मामूली शराब का प्याला अपने हाथ में ले लिया। जादूगर पर उस के हाव-भाव से जो नशा चढ़ा वह शराब से भी अधिक था। उस ने कहा, हे जगत मोहनी, तुम्हारा चीन देश हर तरह से सभ्यता और संस्कृति, विद्या, सौंदर्य आदि में हमारे अफ्रीका से बढ़ा-चढ़ा हे। यह बड़ी ही मनमोहक रीति तुमने मुझे सिखाई। मैं आगे से हमेशा यहाँ के लोगों में इसका निर्वाह और प्रसार करूँगा।",
"output": "phir shahzadi ne daasi ko sanket kiya or us ne africa kii najar bachaa kar pehle se taiyaar kiya hua pyaalaa shahzadi ko de diya. us ne doosraa maamuli sharaab kaa pyaalaa bhar kar jaadugar ko diya. shahzadi boli, hamaare china kii ek yah bhi rasm he ki do premijan madhpan karte hai to ek-duusare ke haath se le kar pyaalaa pite hai. yah kah kar apana pyaalaa jis main dawa ke naam par vish mila hua tha us ne jaadugar ko diya or bade naaj-nakhre ke saath us ke haath kaa maamuli sharaab kaa pyaalaa apane haath main le liya. jaadugar par us ke haav-bhav se jo nasha chadha vah sharaab se bhi adhik tha. us ne kaha, he jagat mohani, tumhaara china desh har tarah se sabhyataa or samskruti, vidya, saundarya aadi main hamaare africa se badha-chadha he. yah badi hi manamohak reeti tumne mujhe sikhaai. main aage se hameshaa yahan ke logon main iskaa nirvaah or prasar karunga."
} |