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सतृष्ण और ज्वलनशील है
एक दिन उसने साहस करके मुंशी जी को अन्दर बुलाया
स्वाद भी चखने को मिल जाता था
उन्होंने नाराज़गी से एक दूसरे की तरफ़ देखा फिर त्योरी चढ़ाकर मुझे देखा
सब कुछ कितना शान्त है
बहू जी पर घड़ों पानी पड़ गया
ऊँगलियाँ तवे से जल जाती थीं
गांधी ने हज़ारों लोगों की
उतरा तिरे किनारे जब कारवाँ हमारा
और बारिश उसकी नींद में बाधा डालती है
गनीमत है मैं कूद कर एक तरफ़ को हो गया था नहीं तो
की है कि दयालुता देखकर दूसरे लोग दयालु होने के लिए
उन्होंने दादाजी को कम्बल में लपेट दिया
शिक्षक के तेवर चढ़े रहते थे
धोबी तेनालीराम से बोला मुझे पता नहीं था कि इसका इतना आसान इलाज है
को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया
वह रोने लगी
फर्जी डिग्री विवाद जितेंद्र तोमर ने केजरीवाल को पत्र लिखकर दी सफाई
तब आप क्या कहेंगी
के अल्लाह के बन्दे हंस दे
फिर संपूर्ण विलीन हो गया
माता का देहावसान हो जाने पर मैं भी
कृपाणवाला हाथ पकड़ लिया और
जहाँ अथक प्रयास अपनी बाहें पूर्णता की ओर बढातें हो
पर उसे कक्षा में जाना अच्छा नहीं लगता था
बारिश में मोटर साइकिल की दौड़ लगाते हैं
हमें बारिश का इंतज़ार करना चाहिए
सेठ जीपर हमारा पक्ष निर्बल है
ज़ीरो
यह निर्णय करना असम्भव था कि
किसने बुलाया था इस निगौड़ी ईद को
रोहन के घर में येल्लू बनता है और
विश्राम लेकर बुधगुप्त ने पूछा
रात शान्त थी
सास को बस ताने मारने और रौब झाड़ने के अलावा कोई काम नहीं
सारा घर मक्खियों से भनभन कर रहा था
चीजें लाएँगेखिलौने
श्वेत क्रांति के जनक माने जाने वाले इस शख्स ने
मीठी और गर्मागर्म बनाना दादाजी चिल्लाए